सरदारशहर, रिपोर्ट: जगदीश लाटा नगर परिषद सरदारशहर द्वारा बरडिया पोल पर किए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। आरोप है कि सभापति राजकरण चौधरी ने कथित स्वार्थवश आधी रात को बिना पूर्व सूचना जेसीबी मशीनों के साथ अतिक्रमण तोड़फोड़ की कार्रवाई की।
अर्धरात्रि में कार्रवाई, विधायक को बुलाया गया
बुधवार रात लैडिज मार्केट परिसर में स्थित बरडिया पोल पर अचानक शुरू की गई तोड़फोड़ के विरोध में स्थानीय महिलाओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया और विधायक अनिल शर्मा को मौके पर बुलाया।
परिवारजनों का कहना है कि सोते हुए बच्चों और महिलाओं की जान की परवाह किए बिना परिषद कर्मियों ने बगैर नोटिस के कार्रवाई शुरू की।
धरना, नाराज़गी और प्रशासन की चुप्पी
शुक्रवार को बरडिया पोल पर ही धरना शुरू कर दिया गया। लोग आरोप लगा रहे हैं कि परिषद ने अन्य बड़े अतिक्रमणों को छोड़कर केवल पोल को निशाना बनाया है।
सूत्रों की मानें तो एसडीएम दिव्या चौधरी द्वारा तीन दिन में पट्टा प्रस्तुत करने का मौका दिए जाने के बावजूद सभापति ने कार्रवाई जारी रखी, जिससे विवाद और गहरा गया।
कथित निजी स्वार्थों के आरोप
जनचर्चा है कि पोल के पास की जमीन को लेकर कथित खरीददारी की योजना पहले से बनी हुई है। आरोप है कि सभापति एवं कुछ अन्य प्रभावशाली लोगों द्वारा वहां शॉर्टकट मार्ग तैयार करने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।
अव्यवस्थित अभियान से व्यापारी और निवासी डरे
पिछले 15 दिनों से नगर परिषद द्वारा बिना योजना और बिना सूचना दिए लगातार अतिक्रमण हटाया जा रहा है।
कुछ पट्टा धारकों की इमारतों में भी रातोंरात तोड़फोड़ की गई है। इससे शहर के व्यापारी, दुकानदार और मकान मालिक डरे और गुस्से में हैं।
विकास कार्य ठप, अब राजनीति तेज
नगर परिषद के सभापति का कार्यकाल करीब 5 महीने ही शेष है। ऐसे में कहा जा रहा है कि वे सौंदर्यीकरण के नाम पर जल्दबाज़ी में निर्णय ले रहे हैं ताकि रिकॉर्ड बनाए जा सकें।
लेकिन विडंबना यह है कि पिछले डेढ़ साल से शहर के विकास कार्य या तो शुरू ही नहीं हुए या अधूरे पड़े हैं, जिसका सीधा खामियाजा जनता भुगत रही है।
विधायक बनाम सभापति: खींचतान जारी
विधायक अनिल शर्मा और सभापति चौधरी के बीच चल रही तनातनी अब खुलकर सामने आ गई है।
विकास के बजाए प्रतिष्ठा की लड़ाई शहर को बांध रही है। इसी खींचतान के कारण सरदारशहर के शहरी इलाकों में ठोस विकास नहीं हो पाया है।
शिकायतें, लेकिन प्रशासन शांत
कुछ दुकानदारों और कब्जाधारियों ने एसडीएम को शिकायतें सौंपी हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस हस्तक्षेप नहीं हुआ है।
परिषद के सभापति अब कथित जिद्द पर अड़े नजर आ रहे हैं।