रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] नंदीशाला में आयोजित पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा रविवार को एक दिन के विश्राम के बाद प्रशासन स्वीकृति मिलने पर पुन: शुरू हुई है। कथा के दौरान पंडित मिश्रा ने कहा कि सनातन धर्म को समाप्त करने के लिए कुछ लोगों ने बेटी, चोटी व रोटी पर प्रहार किया है। अपने को समझना चाहिए कि हम अपने धर्म के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहे। उन्होंने कहा कि आज देश में लव जिहाद नासूर बनता जा रह है। बेटियों को ऐसे संस्कार आत्मसात करने चाहिए कि वो चांदी की खनक को नजर अंदाज करते हुए अपने माता-पिता के स्वाभिमान को कभी भी निचा नहीं होने दे। कथा के दौरान पंडित मिश्रा ने शिवमहापुराण कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में कितना भी बड़ा संकट व रोग आ जाए, यदि वह भगवान शंकर के सानिध्य में चला जाता है, तो उसके समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने व्यासपीठ से विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए पत्रों का वाचन करते हुए पीड़ित लोग, जो भगवान शंकर की पूजा-अर्चना से स्वस्थ हुए हैं, उनका सम्मान भी किया। उन्होंने कहा कि आप चाहे कितने भी अशुद्ध व पापी हो, लेकिन भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी पाप व कष्ट दूर होते हैं। आयोजक दिनेश लाहोटी, पूर्व विधायक अभिनेष महर्षि सहित आयोजक परिवार के सदस्यों ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की। कथा स्थल पर शहर सहित विभिन्न क्षेत्रों से 35 हजार से अधिक श्रद्धालु उपस्थित रहकर पंडित मिश्रा की कथा का श्रवण किया। उल्लेखनीय रहे कि 11 अप्रैल से बिना प्रशासनिक स्वीकृति के शुरू हुई कथा के बाद अंधड़ व बारिश की वजह से कथा स्थल पर अव्यवस्थाएं होने के बाद प्रशासन ने कथा आयोजन को निरस्त कर दिया था। उसके बाद आयोजकों ने व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने का काम शुरू किया और शनिवार को कथा में इसके चलते विराम देना पड़ा। व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के बाद आयोजन समिति ने पुन: प्रशासन के समक्ष अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र मिलने के बाद एसडीएम ने विभिन्न विभागों को कथा स्थल पर सुविधाओं की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। विभागों से रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन ने आयोजक एवं पूर्व विधायक महर्षि द्वारा प्रमाणित शपथ पत्र लेने के बाद 19 बिंदुओं में विभिन्न निर्देशों का उल्लेख करते हुए कथा के आयोजन के लिए अनुमति आदेश जारी किया तथा तहसीलदार सज्जनकुमार लाटा को एरिया मजिस्ट्रेट नियुक्त करते हुए विभिन्न विभागों को व्यवस्थाएं सुचारू रखने के निर्देश दिए। वहीं आयोजनकर्ताओं को अनुमति में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आयोजन के तहत किसी भी प्रकार की अव्यवस्थाएं हुई, तो स्वीकृति को निरस्त समझा जाए।
पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा प्रशासन की स्वीकृति के बाद पुन: शुरू
