रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] रतनगढ़ के सरदारशहर बाईपास रोड पर स्थित नंदीशाला में सोमवार को हुई महाशिवपुराण की कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि व्यक्ति के कष्टों का निवारण भगवान शंकर की भक्ति से ही संभव है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की भक्ति में आडंबर कुछ नहीं होता, हर कथा में प्रसाद का वितरण होता है, लेकिन महाशिवपुराण की कथा में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं रहती। उन्होंने कहा कि विल्व पत्र में करोड़ों देवी-देवताओं का वास है। भगवान शिव के सामने भक्तों को किसी भी तरह का संकल्प नहीं लेना चाहिए, क्योंकि भगवान भोले एक लौटा जल एवं एक चम्मच गाय के शुद्ध दूध अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने महाशिवपुराण की कथा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए भगवान महाराजा दशरथ व रावण के प्रसंग पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा रावण राजा दशरथ के यहां पहुंचकर अपनी मुक्ति के मार्ग को प्रशस्त कर लिया था। महाराज ने कथा के दौरान कहा कि भगवान शंकर देवो के देव है, उनकी भक्ति के लिए ना कोई समय सीमा निर्धारित है और ना ही कोई विशेष विधि विधान की आवश्यकता है। महादेव तो भोले भंडारी है, उनको जिस भाव से याद करेंगे, वे उसी भाव से प्रकट हो जाएंगे। कथा के दौरान सोमवार शिव-पार्वती के विवाह की झांकी प्रस्तुत की तथा माता पार्वती के कठिन तप की कथा सुनाई। कथा शुरू होने से व्यासपीठ की पूजा-अर्चना आयोजक दिनेश लाहोटी एवं परिवार के सदस्य, पूर्व विधायक अभिनेष महर्षि ने की। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। कथा के दौरान महाराज ने श्रद्धालुओं द्वारा भेजे गए पत्रों का वाचन करते हुए भगवान शिव की महिमा बताई। एरिया मजिस्ट्रेस्ट सज्जनकुमार लाटा के निर्देशन में आयोजन समिति ने बेरिकेट्स व्यवस्था को और सुदृढ़ किया। वहीं कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए पेयजल व्यवस्था को भी बढ़ाया गया है। साथ ही कथा स्थल पर चल रहे भंडारे का भी एरिया मजिस्ट्रेट ने जायजा लेते हुए आयोजनकर्ताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। भंडारे में प्रतिदिन दोनों समय लगभग 20 हजार लोग प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। कथा के दौरान सोमवार को काफी श्रद्धालुओं को कथा स्थल से वापिस लौटना पड़ा, क्योंकि पांडाल छोटा पड़ गया था। वहीं कई श्रद्धालु छाते ही ओट में बैठकर कथा सुनते हुए दिखाई दिए। कथा समाप्ति के बाद लगभग एक घंटे तक मेगा हाईवे, सरदारशहर बाईपास, पंडितपुर सड़क मार्ग जाम रहा। डीवाईएसपी अनिलकुमार एवं सीआई दिलीपसिंह के नेतृत्व में लगभग 100 पुलिसकर्मियों का जाप्ता ट्रेफिक व्यवस्था को संभाले हुए थे। कथा समाप्ति के लगभग एक घंटे बाद आवागमन सुचारू हुआ।
व्यक्ति के कष्टों का निवारण भगवान शंकर की भक्ति से ही संभव – पंडित प्रदीप मिश्रा
