झुंझुनूं। जेजेटी यूनिवर्सिटी में एंटी रैगिंग अवेयरनेस प्रोग्राम का शुभारंभ 12 अगस्त को हुआ, जो 18 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान विद्यार्थियों को रैगिंग के नकारात्मक प्रभाव, कानूनी प्रावधान और सामाजिक जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
मां सरस्वती के चित्र के आगे शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अजीत कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि किसी भी व्यक्ति को मानसिक आघात पहुँचाने वाली हरकत अस्वीकार्य है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा—
“बड़े विद्यार्थी छोटे भाइयों जैसा और छोटे विद्यार्थी बड़े भाइयों जैसा व्यवहार करें।”
संस्कृति और सोशल मीडिया पर संदेश
विशिष्ट अतिथि डॉ. मधु गुप्ता ने कहा कि भारत की संस्कृति नम्रता और अच्छे संस्कार पर आधारित है। उन्होंने चेताया कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक रील डालना भी रैगिंग का एक रूप है।
खेल निदेशक का दृष्टिकोण
डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि रैगिंग का मूल उद्देश्य अनुशासन सिखाना था, लेकिन समय के साथ इसका स्वरूप बिगड़ गया है। डॉ. शहीराम ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से विद्यार्थियों को एंटी रैगिंग की विस्तृत जानकारी दी।
जागरूकता रैली निकाली
दिन के अंत में एनसीसी कैडेट्स और विद्यार्थियों ने शहर में एंटी रैगिंग जागरूकता रैली निकाली। रैली के जरिए “रैगिंग मुक्त परिसर” का संदेश दिया गया।
चेयरपर्सन की सराहना
विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ. विनोद टिबडेवाला ने आयोजन समिति को बधाई दी। कार्यक्रम के संचालन में डॉ. सविता सांगवान, डॉ. इरफान और मृत्युंजय की विशेष भूमिका रही। संचालन डॉ. अंशु शर्मा ने किया।