सूरजगढ़, राष्ट्रीय साहित्यिक व सामाजिक संस्था आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष और गांधीवादी विचारक धर्मपाल गांधी की नई पुस्तक “आज़ादी की राहों में” शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है। इस पुस्तक में भारत की स्वतंत्रता के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाली लगभग चालीस महिला स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों का जीवंत वर्णन किया गया है।
स्वतंत्रता संग्राम की महिला प्रेरणाएं
लेखक धर्मपाल गांधी ने बताया कि यह पुस्तक महिला क्रांतिकारियों के साहस, बलिदान और नेतृत्व की कहानियों पर केंद्रित है। आजादी के आंदोलन में महिलाओं ने पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर देश के लिए संघर्ष किया, लेकिन उनके योगदान को इतिहास में उतनी प्रमुखता नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी।
लेखक का शोध और लेखन सफर
धर्मपाल गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर लंबे समय से शोध और लेखन कर रहे हैं। इससे पहले उनकी पुस्तकें:
- हिंद की क्रांतिकारी बेटियाँ
- आजादी के दीवाने
- क्रांति का आगाज़
तीनों वर्तमान अंकुर प्रकाशन, नोएडा से प्रकाशित हुई हैं और Amazon पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
इन पुस्तकों को बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों और पाठकों से खूब सराहना मिली। उनकी लेखनी की विशेषता रही है कि वे घटनाओं और जीवनी को तथ्यों के साथ प्रामाणिक ढंग से प्रस्तुत करते हैं।
संपादन और प्रकाशन
“आज़ादी की राहों में” पुस्तक का संपादन अंजू गांधी द्वारा किया गया है और प्रकाशन वर्तमान अंकुर प्रकाशन, नोएडा के माध्यम से होगा। लेखक ने बताया कि प्रयागराज की साहित्यकार रेनू मिश्रा दीपशिखा और समिति के अन्य साथियों के प्रेरणा से यह कृति तैयार की गई है।
लेखक का उद्देश्य
धर्मपाल गांधी का मानना है कि महिला स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान उल्लेखित किए बिना स्वतंत्रता संग्राम की गाथा अधूरी है। इसलिए इस पुस्तक के माध्यम से वे उन भूली-बिसरी वीरांगनाओं को नई पीढ़ी के सामने लाने का कार्य कर रहे हैं।