सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों ने रखे विचार
झुंझुनूं। जिले के सबसे बड़े राजकीय बीडीके अस्पताल में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीजे महेंद्र सोलंकी रहे, जबकि अध्यक्षता पीएमओ डॉ जितेन्द्र भाम्बू ने की। संचालन का कार्य डॉ कपूर थालौर ने संभाला।
तनाव और संवाद पर जोर
एडीजे महेंद्र सोलंकी ने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई का अत्यधिक तनाव नहीं लेना चाहिए और अपने साथियों से संवाद बनाए रखना चाहिए। उन्होंने बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जानकारी दी और जीवन के मूल अधिकारों पर प्रकाश डाला।
सोशल मीडिया और सामाजिक अलगाव
पीएमओ डॉ जितेन्द्र भाम्बू ने कहा कि परिवारों का घटता आकार और सोशल मीडिया पर बढ़ती निर्भरता युवाओं में सामाजिक अलगाव का कारण बन रही है। उन्होंने ग्रामीण परिवेश को मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर बताया और पारिवारिक सहयोग और भावनात्मक जिम्मेदारी को आवश्यक बताया।
मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ कपूर थालौर ने कहा कि मानसिक अवसाद के विचार क्षणिक होते हैं और सही समय पर उपचार से इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं को सही खानपान, सही आदतें और संस्कार अपनाने की सलाह दी।
कार्यक्रम की विशेषताएं
- नर्सिंग ट्यूटर अंजना चौधरी ने विद्यार्थियों के सवालों का समाधान किया।
- नर्सिंग विद्यार्थी जितेन्द्र शर्मा ने गीत के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता समझाई।
- इस वर्ष की थीम “आत्महत्या की अवधारणा को बदलना” रखी गई।
मौजूद रहे
कार्यक्रम में आरएमओ डॉ सिद्धार्थ शर्मा, डॉ विजय झाझडिया, डॉ आबिदा खान, मंजू कटारिया, सुमन ओला, सरिता सैनी, पूनम डांगी और पूनम भास्कर सहित कई चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहे।