Posted inJhunjhunu News (झुंझुनू समाचार)

“भारत का पानी पाकिस्तान भेजना बंद करो” के नारों से गूंजा लालचौक

Farmers protesting for water canal in Chirawa under intense heat

चिड़ावा, शेखावाटी में विकराल जल संकट को लेकर किसान सभा के बैनर तले 504वें दिन भी नहर आंदोलन जारी रहा। बस स्टैंड लालचौक, चिड़ावा पर धरना देते हुए किसानों ने “भारत का पानी पाकिस्तान भेजना बंद करो” और “पानी दो, जीवन दो” जैसे नारे लगाए।

धरने की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष बजरंग लाल ने की जबकि हरपाल सिंह चाहर क्रमिक अनशन पर बैठे।


50 डिग्री तापमान में बूंद-बूंद को तरसता शेखावाटी

आंदोलनकारियों ने बताया कि इलाके में तापमान 50 डिग्री के करीब पहुंच चुका है, लेकिन पीने लायक पानी नहीं बचा। अधिकतर गांवों में सिर्फ एक-दो कुएं ही सक्रिय हैं, और वहां भी पानी टैंकरों के सहारे लाया जा रहा है, जिसका किराया गरीब किसान वहन नहीं कर पा रहे हैं।

“सिंचाई की कमी ने रोजगार और खेती दोनो छीन लिए हैं,” – आंदोलनकारी


नहर नहीं आई तो भयावह हो सकती है स्थिति

आंदोलनकारियों ने कहा कि यदि सरकार ने कुंभाराम लिफ्ट नहर परियोजना को जल्द नहीं शुरू किया, तो शेखावाटी क्षेत्र में:

  • पीने के पानी के झगड़े और तस्करी बढ़ेगी
  • एफआईआर, मारपीट, धक्का-मुक्की आम बात हो जाएगी
  • गांव छोड़ने की नौबत आ जाएगी
  • जल जन्तुओं और इंसानों की मौत का खतरा मंडराएगा

15 साल का इंतज़ार संभव नहीं

धरनास्थल से वक्ताओं ने चेताया कि सरकार की वर्तमान योजना के अनुसार नहर का पानी ताजेवाला से शेखावाटी तक आने में 5 साल, राजगढ़ से गांवों तक वितरण में 5 साल, और गली-मोहल्लों तक पहुँचने में 5 साल लगेंगे।

“इतना इंतज़ार नहीं कर सकते, पानी की जरूरत आज है,” – विजय शास्त्री, आंदोलन प्रवक्ता


आंदोलन में शामिल प्रमुख लोग

धरने में विजेन्द्र शास्त्री, राजेन्द्र सिंह चाहर, रणधीर ओला, ताराचंद तानाण, प्रभुराम सैनी, सुभाष यादव, होशियार सिंह, सुमित्रा देवी, मुन्नी देवी, हरपाल, राजेश चाहर सहित कई किसानों व महिलाओं ने भाग लिया।