डिपो के मुख्य प्रबंधक सहित 24 कर्मचारी सस्पेंड, तीन साल से फर्जी हाजिरी घोटाले में विभागीय जांच शुरू
झुंझुनूं। राजस्थान रोडवेज ने झुंझुनूं डिपो में तीन साल से चल रहे फर्जी हाजिरी घोटाले का पर्दाफाश करते हुए मुख्य प्रबंधक समेत 24 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम लाल शर्मा ने बताया कि ये कर्मचारी बिना ड्यूटी पर आए फर्जी अटेंडेंस लगाकर वेतन उठा रहे थे। जांच में पाया गया कि कई कर्मचारी तीन साल से गैरहाजिर थे, फिर भी वेतन ले रहे थे।
मुख्य प्रबंधक गणेश शर्मा को सस्पेंड कर गिरिराज स्वामी को नया मुख्य प्रबंधक नियुक्त किया गया है। इस घोटाले में जूनियर से लेकर सीनियर लेवल तक के कर्मचारी शामिल हैं।
रोडवेज मुख्यालय ने अप्रैल 2025 में एक उच्च-स्तरीय जांच टीम गठित की थी, जिसमें संभागीय प्रबंधक अवधेश शर्मा और सहायक संभागीय प्रबंधक उमेश नागर शामिल थे। जांच में 89 लाख रुपए से अधिक के वेतन घोटाले का अनुमान लगाया गया है।
मई 2024 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को भी इस घोटाले की शिकायत मिली थी। इसके बाद ACB ने रोडवेज मुख्यालय को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी।
जांच में यह भी सामने आया कि 14 कर्मचारी लगातार गैरहाजिर रहकर वेतन ले रहे थे। इनमें एक कनिष्ठ लिपिक, एक वरिष्ठ सहायक, दो चालक और 10 परिचालक शामिल हैं। जांच टीम ने 17 कर्मचारियों के रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं।
गणेश शर्मा, चार साल में दूसरी बार झुंझुनूं डिपो के मुख्य प्रबंधक बने थे। फरवरी 2024 में उन्होंने दोबारा पदभार संभाला था। उसी समय यह घोटाला सामने आने लगा।
जांच टीम का मानना है कि घोटाले में और भी प्रशासनिक अधिकारी या कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। इसलिए विभागीय जांच जारी रहेगी।