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High Court verdict : हाईकोर्ट के फैसले से हरियाणा के इन कर्मचारियों की खुल गई किस्मत, एसीपी की बहाल

High Court verdict : हाईकोर्ट के फैसले से हरियाणा के इन कर्मचारियों की खुल गई किस्मत, एसीपी की बहाल
High Court verdict : हाईकोर्ट के फैसले से हरियाणा के इन कर्मचारियों की खुल गई किस्मत, एसीपी की बहाल

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक फैसले के फैसले ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार के इस फैसले से हरियाणा पुलिस विभाग में वायरलेस और टेलीकाम विंग में तैनात कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। जहां पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा उनके छीने गए एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन यानी एसीपी का लाभ देने के आदेश दिए है।

जहां पर हाईकोर्ट ने उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें हरियाणा सरकार की तरफ से पुलिस कर्मियों की एसीपी पर रोक लगा दी गई थी। हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ चंचल रानी ने याचिका दायर की थी। जहां पर हाईकोर्ट की तरफ से हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था। याचिकाकर्ताओं ने बताया था कि वर्ष 1989 में पुलिस सेवा ज्वाइन की थी और नियमों के अनुसार वर्ष 1999 में 10 वर्ष की सेवा पूरी करने पर उन्हें प्रथम एसीपी का लाभ दिया गया था।

लेकिन सरकार ने बाद में यह लाभ वापस ले लिया और तर्क दिया कि इन कर्मचारियों ने प्रमोशन के लिए जरूरी पुलिस वायरलेस ऑपरेटर (पीडब्ल्यूओ) कोर्स नहीं किया। सरकार ने अपने पक्ष में यह भी कहा कि कर्मचारियों ने स्वयं शपथपत्र देकर यह स्वीकार किया था कि वे कोर्स नहीं करना चाहते और न ही उससे जुड़ा कोई लाभ लेना चाहते हैं, इसलिए उन्हें एसीपी से वंचित करना उचित है।

वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत में दलील दी गई कि जब उन्हें एसीपी दिया गया था, उस समय विभाग ने प्रमोशन कोर्स आयोजित ही नहीं किया था। पहली बार यह अवसर उन्हें वर्ष 2005 या उसके बाद मिला, जबकि उनका एसीपी का अधिकार 1999 में ही बन चुका था। ऐसे में यह उनकी गलती नहीं थी और पहले से दिए गए अधिकार को छीना नहीं जा सकता।

जस्टिस जगमोहन बंसल ने अपने फैसले में कहा कि कानून किसी से असंभव कार्य करने की अपेक्षा नहीं कर सकता। यदि कर्मचारियों को समय पर प्रमोशन कोर्स का अवसर ही नहीं दिया गया तो उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन कर्मचारियों को 10 साल की सेवा पूरी करने पर एसीपी मिल चुका था, उनका यह अधिकार कायम रहेगा।

बाद में दिए गए शपथ पत्र पहले से मिले लाभ को समाप्त नहीं कर सकते। हालांकि, जिन कर्मचारियों ने समय पर एसीपी का दावा नहीं किया और बाद में प्रमोशन कोर्स पूरा कर लाभ पाया, उन्हें पिछली तिथि से फायदा नहीं मिलेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार के आदेशों को रद्द करते हुए सभी याचिकाकर्ताओं को एसीपी लाभ दोबारा बहाल करने और वेतन पुनर्निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं।