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OPS Update : हरियाणा में पुरानी पेंशन स्कीम के लिए कर्मचारियों का बड़ा कदम, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

Haryana Old Pnsion Scheme Update : हरियाणा से इस वक्त कि बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दे कि प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम ( OPS ) को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार बता दे कि राज्य सरकार के शिक्षकों ने पुरानी पेंशन योजना (( OPS ) ) बहाली के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिसके बाद एक आदेश जारी हुए है जिससे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है।

पुरानी पेंशन योजना का लाभ

जानकारी के लिए बता दे कि जहीद हुसैन और अन्य शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ याचिका दायर करते हुए हाईकोर्ट से इस मामले में आदेश जारी करने की मांग की गई है ताकि उन्हें नई अंशदायी पेंशन योजना के बजाय पुरानी पेंशन योजना ( OPS ) का लाभ दिया जा सके।

28 अक्टूबर २००5 में जारी हुआ था ये आदेश Old Pnsion Scheme

अधिक जानकारी के लिए बता दे कि बाचियों के वकील ने दलील दी कि याचियों को जे.बी. टी. और पी.आर.टी. पदों पर विज्ञापन संख्या 01/2005 के तहत नियुक्त किया गया था, जो 28 अक्टूबर 2005 से पहले प्रकाशित हुआ था।

जबकि हरियाणा सरकार ने 28 अक्तूबर 2005 की अधिसूचना जारी कर यह प्रावधान किया था कि जो कर्मचारी 1 जनवरी 2006 या उसके बाद सेवा में आएंगे, उन्हें नई पेंशन योजना (एन.पी.एस.) के तहत रखा जाएगा। याचियों की दलील है कि चूंकि उनका विज्ञापन उस तारीख से पहले का है, इसलिए वे ओ.पी.एस. के पात्र हैं। Old Pnsion Scheme

वकील ने अपने तों के समर्थन में वित्त विभाग के 8 मई 2023 के कार्यालय ज्ञापन का हवाला दिया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि जिन पदों के लिए विज्ञापन 28 अक्तूबर 2005 या उससे पहले जारी हुए, उन कर्मचारियों को ओ.पी. एस. के तहत कवर किया जाएगा। इसके साथ ही कई समान मामलों का उल्लेख किया गया है। जिसमें हाईकोर्ट ने ओ.पी.एस. का लाभ देने का आदेश दिया था।

याचिका में केंद्र सरकार के 17 फरवरी 2020 के ज्ञापन का भी हवाला दिया गया है, जिसमें याह स्पष्टीकरण दिया गया था कि जो केंद्रीय कर्मचारी ओ.पी.एस. लागू से पहले विज्ञापित पदों के लिए चयनित हुए और बाद में ज्वाइन किए वे भी ओ. पी. एस. के दायरे में आएंगे। दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस नीति को सही ठहराया था। Old Pnsion Scheme

हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

याची के वकील की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट के जिस्टस त्रिभुवन दहिया ने हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग को 31 अक्तूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया है।