चूरू, जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा की पहल पर चूरू जिले में 3आर कलेक्शन ड्राइव और पुस्तक संवाद कार्यक्रम के ज़रिए विद्यार्थियों में नैतिकता, पर्यावरण चेतना और पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देने का अनूठा प्रयास किया गया।
क्या है 3आर कलेक्शन ड्राइव?
3आर यानी रियूज़, रिड्यूस, रिसाइकिल।
इस अभियान के तहत शैक्षणिक सत्र के अंतिम दिन सभी राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों से अनुपयोगी सामग्री एकत्र की गई।
विद्यार्थियों ने अपने घरों से लाकर जो सामग्री विद्यालयों में जमा करवाई, उसमें शामिल हैं:
- 70868 पुस्तकें
- 13339 जोड़ी जूते
- 10030 खिलौने
- 8481 कपड़े
- 4524 अन्य सामग्री
जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य बच्चों में मानवता, नैतिकता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है।
सीडीईओ गोविंद सिंह राठौड़ ने कहा,
“बच्चों ने घर और पड़ोस से सामान लाकर यह सिद्ध किया कि यदि सही दिशा दी जाए तो बच्चे समाज के लिए बड़ा योगदान दे सकते हैं।“
पुस्तक संवाद कार्यक्रम: पढ़ने की आदत को नया जीवन
इस नवाचार के तहत जिले के सभी विद्यालयों में 871417 पुस्तकें विद्यार्थियों को ग्रीष्मावकाश के लिए जारी की गईं।
करीब 65% पुस्तकें लाइब्रेरी से विद्यार्थियों तक पहुंचीं। अब ये विद्यार्थी छुट्टियों में पुस्तक पढ़कर समीक्षा लिखेंगे।
अच्छी समीक्षा लिखने वाले विद्यार्थियों को:
- विद्यालय स्तर पर चयन
- ब्लॉक स्तर पर सम्मान
- जिला स्तर पर कलक्टर द्वारा सम्मानित किया जाएगा
पिछले वर्षों में भी कलक्टर अपने आवास पर संवाद कर बच्चों को पुरस्कृत कर चुके हैं।
सीडीईओ राठौड़ ने कहा,
“डिजिटल युग में पुस्तकें पीछे छूट रही थीं, यह प्रयास छात्रों को पुस्तकों से पुनः जोड़ने में कारगर साबित हो रहा है।“
कोड चूरू नवाचार से जुड़ रहे 7000 विद्यार्थी
इस पहल के साथ-साथ कोड चूरू नवाचार के तहत 7000 विद्यार्थी को कोडिंग से जोड़ा गया है, जिससे भविष्य में उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।