चूरू, भारत सरकार के “अंगदान – जीवन संजीवनी अभियान” के तहत मेडिकल कॉलेज चूरू ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। चूरू जिला न केवल राजस्थान में प्रथम स्थान पर रहा, बल्कि पूरे देश के 783 जिलों में से 778 को पीछे छोड़ते हुए एक अनूठी मिसाल कायम की है।
कैसे बना चूरू देश का अव्वल जिला?
इस अभूतपूर्व सफलता के पीछे प्राचार्य डॉ. महेश मोहनलाल पुकार और अधीक्षक डॉ. दीपक चौधरी के नेतृत्व में गठित एक समर्पित टीम का अथक प्रयास रहा। मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पताल के डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, स्वास्थ्यकर्मियों और कर्मचारियों ने मिलकर इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाया।
राष्ट्रीय स्तर पर चमकी चूरू की पहचान
- 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में से चूरू ने 14 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों को पीछे छोड़ दिया।
- 783 जिलों में से 778 को पछाड़कर टॉप पर रहा।
किन संस्थाओं ने निभाई अहम भूमिका?
इस मुहिम को सफल बनाने में चूरू की कई प्रमुख संस्थाओं ने सक्रिय सहयोग दिया, जिनमें शामिल हैं:
- राजकीय लोहिया महाविद्यालय
- विधि महाविद्यालय
- कैरियर कॉलेज
- राजस्थान नर्सिंग कॉलेज
- एएनएम ट्रेनिंग सेंटर
- हार्ट केयर, शिवम ऑर्थो जैसे प्राइवेट अस्पताल
“संकल्प ही सफलता की कुंजी है” – प्राचार्य डॉ. पुकार
प्राचार्य डॉ. महेश मोहनलाल पुकार ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा,
“चूरू ने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। यह सफलता हमारे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और सहयोगी संस्थाओं के समर्पण का परिणाम है।”
क्या है “अंगदान – जीवन संजीवनी अभियान”?
यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को शपथ दिलवाकर अंगदान के लिए प्रेरित करना है। चूरू ने इस मुहिम को जन आंदोलन का रूप देकर देशभर में अपनी छाप छोड़ी है।
आगे की राह – और बड़े लक्ष्य
चूरू की यह उपलब्धि न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है। अब लक्ष्य है कि अंगदान को और व्यापक बनाया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पुनीत कार्य से जुड़ सकें।