चूरू, चूरू जिले के किसानों की समस्याओं को लेकर सांसद राहुल कस्वां ने केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। उन्होंने फसल बीमा क्लेम, यूरिया संकट और टैगिंग के मुद्दों पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए।
यूरिया की भारी कमी, किसान बेहाल
सांसद कस्वां ने कहा कि खरीफ सीजन में यूरिया की मांग बहुत अधिक है लेकिन आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही। इसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
“राजस्थान सरकार से समन्वय कर तत्काल यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए,” — राहुल कस्वां
साथ ही उन्होंने नैनो यूरिया और डीएपी की अनिवार्य टैगिंग पर आपत्ति जताई और कहा कि इससे किसानों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
बकाया फसल बीमा क्लेम बना किसानों की चिंता
सांसद के अनुसार, खरीफ-2021, खरीफ-2023, रबी 2022/23 और रबी 2023/24 के बीमा क्लेम अभी तक लंबित हैं।
उन्होंने बताया कि क्रॉप कटिंग रिपोर्ट के बावजूद बीमा कंपनियां आपत्तियां लगाकर भुगतान टाल रही हैं। राज्य सरकार भी SGRC और STAC बैठकों के आयोजन में लापरवाही बरत रही है।
“बीमा कंपनियां किसानों के अधिकारों को नकार रही हैं, जबकि सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।”
सरकार पर आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप
कस्वां ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकार ने गलत आंकड़े दिए। संसद में कहा गया कि चूरू का सिर्फ ₹3 करोड़ बीमा क्लेम बकाया है जबकि हकीकत में हजारों करोड़ रुपए लंबित हैं।
“केन्द्रीय मंत्री को भी अंधेरे में रखा गया है, सच्चाई सामने आनी चाहिए।”
सांसद की मांगें:
- सभी पटवार मंडलों में क्रॉप कटिंग के आधार पर बकाया क्लेम जारी हों
- SGRC की आपत्ति निस्तारण बैठकें तत्काल आयोजित हों
- यूरिया टैगिंग बंद करवाई जाए
- किसानों को ब्याज सहित क्लेम मिले