चूरू, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा 1 से 30 नवम्बर, 2025 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) अभियान 4.0 शुरू किया गया है।
इस अभियान का उद्देश्य देशभर में पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल समावेशन और सुविधा सुनिश्चित करना है। यह पहल डिजिटल इंडिया और ईज ऑफ लिविंग मिशन से जुड़ी हुई है।
अभियान का लक्ष्य: 2 करोड़ पेंशनभोगियों तक पहुंच
डीएलसी अभियान का लक्ष्य 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों में दो करोड़ पेंशनभोगियों तक डिजिटल जीवन प्रमाण सेवा पहुंचाना है।
इसमें आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे पेंशनभोगी स्मार्टफोन से घर बैठे प्रमाण पत्र जमा कर सकेंगे।
वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों पर विशेष ध्यान
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की डोरस्टेप डीएलसी सेवा के माध्यम से अति-वरिष्ठ और दिव्यांग पेंशनभोगियों को प्राथमिकता दी जा रही है।
अब उन्हें बायोमेट्रिक डिवाइस या बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी का डिजिटल समावेशन पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ (24 नवम्बर 2024) और संविधान दिवस संबोधन (26 नवम्बर 2024) में कहा था कि
“डिजिटल प्रमाणपत्र जैसी पहलें देशभर के वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को सरल बना रही हैं।”
चूरू का दौरा करेंगी भारत सरकार की अवर सचिव
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की अवर सचिव श्रीमती मधु मनकोटिया 6 नवम्बर 2025 को चूरू पहुंचेंगी।
वे भारतीय स्टेट बैंक और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा आयोजित डीएलसी शिविरों का निरीक्षण करेंगी और फेस ऑथेंटिकेशन से लाभान्वित पेंशनभोगियों से संवाद करेंगी।
उनकी यात्रा के दौरान बैंक, आईपीपीबी, यूआईडीएआई, एनआईसी और स्थानीय पेंशन संघों के बीच समन्वय की समीक्षा भी की जाएगी।
सभी प्रमुख संस्थाओं का सहयोग
यह अभियान देशभर में बैंकों, डाक विभाग, यूआईडीएआई, मेटी (MeitY), एनआईसी, सीजीडीए, रेलवे तथा स्थानीय पेंशनभोगी संघों के सहयोग से चलाया जा रहा है।
पेंशन विभाग का लक्ष्य है कि हर पेंशनभोगी को तकनीकी सशक्तिकरण के माध्यम से आसान, पारदर्शी और सुरक्षित सेवा मिले।
विभाग का संदेश
विभाग ने कहा है कि—
“हम पेंशनभोगियों के जीवन को सुविधाजनक और डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। डीएलसी अभियान 4.0 इस दिशा में एक और मजबूत कदम है।”