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जिला स्तर पर हीट वेव एक्शन प्लान जारी

garmi heatwave

जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने जिले में आगामी ग्रीष्मकाल के मध्यनजर हीट वेव से बचाव के लिए जिला स्तर पर हीट वेव एक्शन प्लान अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्य व सुरक्षात्मक उपायों को लेकर दिए निर्देश

चूरू, जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने जिला स्तर पर हीट वेव एक्शन प्लान जारी करते हुए जिले में आगामी ग्रीष्मकाल के मध्यनजर विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्य व सुरक्षात्मक उपायों को लेकर विस्तृत निर्देश दिए हैं। एडीएम अर्पिता सोनी ने बताया कि जारी आदेशानुसार पंचायती राज संस्थान व स्थानीय नगर निकाय को पटवारी, ग्राम सेवक, चौकीदार, आशा सहयोगिनी, आंगनबाडी सेविकाओं से लोगों की शिकायतों का निराकरण करने के लिए समय-समय पर जानकारी प्राप्त करने, स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने, हाइजीन और सेनिटेशन कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने, जिले के समस्त मनरेगा स्थलों पर कार्य कर रहे लोगों के लिए लू-तापघात से बचाव के लिए समुचित प्रबंधन करने, उनके पीने के स्वच्छ ठण्डे पानी एवं छाया व बैठने की उचित व्यवस्था करने व साथ ही इमरजेंसी मेडिकल कीट (आवश्यक दवाईयों की किट) की उपलब्धता सदैव बनाये रखने हेतु चिकित्सा विभाग से समन्वय बनाये रखने, स्वच्छता एवं जागरूकता अभियान चलाने, सभी अग्निशमन केन्द्रों को चेतावनी जारी करने, सभी संसाधनों को तैयार अवस्था में रखने, आपदा के दौरान पानी के टेंकर, ट्रेक्टर, क्रेन्स और अन्य उपकरण जैसे अग्नि सूट, मास्क, कम्बल, जैनरेटर, आदि तैनात करना और पर्याप्त मात्रा में श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, तेल, गैस एवं अन्य खतरनाक पदाथोर्ं के रिसाव से पैदा होने वाली संभावित संकटकालीन स्थितियों पर नियंत्रण रखने, लू-तापधात का कारगर तरीके से मुकाबला करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (एसएचजी) व सरकारी संस्थाओं में समन्वय स्थापित करने, पंचनामा के आधार पर मुआवजा दिलवाने आदि को लेकर निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को हीटवेव से बचाव हेतु गाईडलाइन जारी करने, जिले मे मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय के साथ समस्त ब्लॉक स्तर/समस्त सामुदायिक, प्राथमिक/शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कन्ट्रोल रूम एवं रेपिड रेसपोंस टीमों का गठन करने, सभी चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक एम्बुलेंस, दवाइयों, मोबाइल चिकित्सा दलों, जीवन रक्षक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय में लू-तापघात के रोगीयों हेतु वार्ड मे छः से दस बैड एवं जिले के अन्य समस्त चिकित्सा संस्थानों पर लू-तापघात के रोगियों हेतु वार्ड में दो-चार बैड की अलग से व्यवस्था करने, वार्ड को ठण्डा रखने के लिये कूलर, पखें की व्यवस्था करने, इसी तरह फ्लू, जल जनित रोग के रोगियों को अलग वार्ड में रखने, जिले के जिला चिकित्सालय सहित सभी चिकित्सा संस्थानों में आने वाले रोगियों एवं परिजनों हेतु पीने के ठण्डे पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने, जिले के जिला चिकित्सालय सहित सभी चिकित्सा संस्थानों पर उपचार हेतु आवश्यक दवाईयां, ओआरएस, ड्रिप सेट, आईवी फ्लूड-जीएनएस/जीडीडब्ल्यू/आरएल आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने, नगर पालिका, स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से सम्पर्क कर जगह-जगह पानी एवं छाया की व्यवस्था करने हेतु प्रेरित करने, शिक्षा विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग से समन्वय स्थापित कर स्कूलों/आंगनबाड़ी केन्द्रों का समय परिवर्तन करवाने हेतु अनुरोध करने, जिले मे संचालित होने वाले शिविर स्थलों पर पानी, कूलर, छाया एवं आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लू-तापद्यात हीट स्ट्रोक केसेज की प्रतिदिन दैनिक रिपोर्ट आईएचआईपी पोर्टल, पी-फॉर्म पर दोपहर दो बजे तक करवाने, उपकरणध् मशीन (पंखे, कूलर, वाटर कूलर, वार्ड के ए.सी. इत्यादि, को अपग्रेड और कार्यरत स्थिति में बनाए रखने, ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर लगाने एवं मोबाईल मेडिकल यूनिट (एमएमयू)/मोबाईल मेडिकल वेन (एमएमवी) व आरबीएसके टीमों द्वारा लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर का परीक्षण और जरूरी इलाज करने, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस (प्रत्येक माह की 9 तारीख) पर गर्भवती महिलाओं को लू-तापघात एवं अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव व उपचार के प्रति जागरूक करने, होटलों/दुकानों/ठेलों एवं सामुदायिक रसोई में दूषित व मिलावटी खाद्यान्नों एवं पके हुये खाद्य सामग्री का परीक्षण एवं उन्हें नष्ट करवाने, पीएचईडी विभाग से समन्वय स्थापित कर स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने, मौसमी बीमारियों पर सतत निगरानी बनाये रखने तथा आयुर्वेद, होम्योपेथी एवं यूनानी चिकित्सा विभाग को चिकित्सा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करना और आवश्यक सहयोग प्रदान करने, हीटवेव से बचाव हेतु आगजन को आवश्यक जानकारी प्रदान करने, जिले के जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के साथ समस्त आयुर्वेद चिकित्सालयों पर कन्ट्रोल रूम एवं चिकित्सा दलों का गठन करने, सभी चिकित्सा संस्थानो में आवश्यक दवाइयों, चिकित्सा दलों, जीवन-रक्षक औषधियों की व्यवस्था करने, जिले के जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में लू-तापघात के रोगियों हेतु वार्ड मे दो से चार बैड एवं जिले के अन्य समस्त आयुर्वेद चिकित्सालय पर लू-तापघात के रोगियों हेतु वार्ड में बैड की अलग से व्यवस्था की जाने, वार्ड को ठण्डा रखने के लिये कूलर, पंखों की व्यवस्था करने, चिकित्सा संस्थानों मे आने वाले रोगियों एवं परिजनों हेतु पीने के ठण्डे पानी व छाया की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी प्रकार पशुपालन विभाग को वैटेरिनरी अधिकारियों को चिकित्सा विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्य करने, जिले के समस्त पशु चिकित्सालयों में चिकित्सा दलों का गठन करने, सभी चिकित्सा संस्थानों में पशुओं हेतु आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था करने, पशुपालकों की बैठक आयोजित कर स्क्रब टाईफस रोग के बारे में जानकारी देना एवं पशुओं व बाड़ों में साईपरमैथ्रिन का छिड़काव कराने, पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बिमारियों पर सतत निगरानी बनाए रखने, पशुपालकों को हीटवेव से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी देने व बचाव हेतु उपाय बताने, पीड़ित जानवरों एवं पक्षियों का संगरोधन, जानवरों का टीकाकरण कर पशुओं की बीमारियों पर नियंत्रण करने, मृत जानवरों और पक्षियों का सुरक्षित डिस्पोजल करने, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पर्याप्त मात्रा में वाटर टैंकर, ब्लीचिंग पाउडर, नए हैंडपम्प लगाने, वर्तमान हैंडपम्प की मरम्मत करने, क्लोरिनेशन आदि की व्यवस्था करने, हाइजीन और सेनिटेशन के बारे में जागरूकता फैलाने, सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था, जल की गुणवत्ता की निगरानी और उन्नत सेनिटेशन, सभी ग्राम पंचायतों को घरों में बांटने के लिए जल को शुद्ध करने वाली गोलियां (क्लोरिन), ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरिन की सप्लाई करने, स्वास्थ्य एवं सेनिटेशन के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आईईसी द्वारा जारी नोटिस, पोस्टर, पेन्टिंग्स, मीडिया आदि का प्रयोग करने, नियमित एवं अन्य स्त्रोतों से जल की उचित आपूर्ति व अग्निशमन वाहनों हेतु अतिरिक्त जल की उपलब्धता करने, जहां बिजली की सप्लाई बन्द हो गई है, वहां जनरेटर सेट की व्यवस्था करने व पानी के टेंकर का इंतजाम करने, पानी के बिल जमा कराए जाने वाले स्थानों पर आमजन हेतु पीने के ठण्डे पानी व छाया की व्यवस्था करने, पुलिस विभाग को कानून एंव व्यवस्था बनाए रखने, भीड़ को नियंत्रित करने और बचाव एवं राहत कार्यों व उचित ट्रेफिक व्यवस्था के लिए प्रवेश एवं निकास स्थान नियत करने, अफवाहों को रोकने के लिए जरूरी उपाय करने, सोशल मीडिया पर सतत नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी क्रम में एनसीसी और स्काउट्स को स्वयंसेवक उपलब्ध कराने, मौसमी बीमारियों व आपदा से बचाव व राहत कार्यों में सहयोग प्रदान करने, विद्युत विभाग को बिजली की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने, बिजली के बिल जमा कराए जाने वाले स्थानों पर आने वाले आमजन हेतु पीने के ठण्डे पानी व छाया की व्यवस्था करने, जल आपूर्ति केन्द्रों पर जलदाय विभाग के अधिकारियों से समन्वय कर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करवाने, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को बर्फ की आपूर्ति और जैनरेटर्स की व्यवस्था करने, जिले में दूषित खाद्य पदार्थ/मिलावटी खाद्य पदार्थ की जांच कर नष्ट करवाने एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित करने, जिले में राशन की दुकानों आने वाले लाभार्थियों हेतु पीने के ठण्डे पानी व छाया की व्यवस्था करने, रेल्वे को जिले के सभी रेल्वे स्टेशनों पर यात्रा करने वाले यात्रियों एवं आमजन हेतु पीने के ठण्डे पानी, छाया, प्राथमिक उपचार एवं आवश्यक जीवन रक्षक औषधियों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, आपदा की स्थिति में पीड़ित लोगां को ले जाने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था करने, सड़क परिवहन विभाग को यात्रियों के लू-तापघात से बचाव के लिए समुचित प्रबंध करने, जिले के सभी बस स्टैंडों, यात्री प्रतीक्षालयों पर यात्रियों एवं आमजन हेतु पीने के ठण्डे पानी, छाया व बैठने की उचित व्यवस्था करने, प्रशासन के निर्देशानुसार पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने के लिए विशेष बसों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी प्रकार दूरसंचार विभाग को बेहतर संचार नेटवर्क जारी रखने, क्षतिग्रस्त लाइनों और नेटवर्क को पुनः चालू करने, आपदा की स्थिति में आमजन तक त्वरित संदेश पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने, रेडियो, दूरदर्शन एवं अन्य न्यूज चौनल को लोगों को स्वास्थ्य, सेनिटेशन एवं हाइजीन के बारे मे जागरूक करने के लिये आईईसी द्वारा जारी नोटस, पोस्टर, जिन्गल्स, रेडियो, टीवी पर जागरूकता कार्यकमों का प्रसारण करने, सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में मीडिया के द्वारा समय-समय पर बुलेटिन जारी करने, सहकारिता विभाग को पंजीकृत गैर सरकारी संगठन, समाज सेवा के कार्य में जुटी स्वयंसेवी संस्थाओं की सूची चिकित्सा विभाग एवं उपखण्ड अधिकारियों को उपलब्ध करवाने, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को जिले में स्थित समस्त बस डिपो पर छाया, पानी, बैठने, प्राथमिक उपचार आदि की व्यवस्था करने, बसों के रूट पर संचालन के दौरान बसों को ऎसे स्थान पर रोककर उतारा जाए जहां छाया आदि की पूर्ण व्यवस्था हो, शिक्षा विभाग को विद्यालयों में छाया, पानी, प्राथमिक उपचार किट आदि की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने, विद्यार्थियों को अध्यापन कार्य खुले में नहीं करवाए जाने, महिला एवं बाल विकास विभाग को समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर छाया, पानी, प्राथमिक उपचार किट आदि की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने, गैर सरकारी संगठन को राहत व बचाव के कार्यों में प्रशासन की मदद करने, पीड़ित लोगों को उपचार की सेवाओं की व्यवस्था करने, आमजन के सहयोग हेतु पीने के ठण्डे पानी के लिए विशेष स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था करने, स्थानीय निकाय विभाग को शहरी क्षेत्रों में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में छाया, पानी आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने, व्यापार मण्डल आदि संगठनों के साथ समन्वय कर विभिन्न स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था करने, नगर निकाय द्वारा संचालित प्याऊ आदि की साफ-सफाई करवाकर उन्हें चालू करवाने, हीट स्ट्रोक के दौरान सड़कों पर छिड़काव आदि कार्य करवाने आदि निर्देश दिए गए हैं।

इसी के साथ विद्युत भार को देखते हुए विभागाध्यक्षों को कार्यालयों में स्थानीय भामाशाहों, दानदाताओं के सहयोग से सोलर पैनल लगवाने, कार्यालय में सोलर पैनल, इन्वर्टर, बैटरी आदि की आवश्यकतानुसार रिपेयरिंग, कार्यालयों में स्थापित पानी की टंकियों, कुण्ड आदि की सफाई करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।