फर्जी डिग्रियों और अनियमितताओं के चलते राज्य सरकार की सख्त कार्रवाई
जयपुर, चूरू स्थित ओपीजेएस विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्रियों और शैक्षणिक अनियमितताओं के चलते राज्य सरकार ने सभी पाठ्यक्रमों में नवीन प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों के तहत भर्ती पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
जांच में सामने आई गंभीर अनियमितताएं
अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका ने बताया कि एसओजी (विशेष अभियोजन शाखा) द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आया कि विश्वविद्यालय ने बिना पढ़ाई कराए फर्जी डिग्रियां जारी की थीं। इस पर सीकर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गई।
समिति ने जांच में पाया कि:
- विश्वविद्यालय ओपीजेएस एक्ट 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है।
- प्रवेश, परीक्षा और परिणाम प्रक्रियाएं अनियमित और अपारदर्शी हैं।
- नियमित कोर्स संचालित नहीं किए जा रहे हैं।
जवाब असंतोषजनक, मान्यता भी संदिग्ध
विश्वविद्यालय को जांच रिपोर्ट की प्रति देकर सुनवाई का अवसर दिया गया, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तुत जवाब असंतोषजनक पाए गए।
कुछ प्रमुख खामियां:
- विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज अधूरे
- डी फार्मा कोर्स की स्थिति स्पष्ट नहीं
- बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से नवीन विधि पाठ्यक्रमों की मान्यता के दस्तावेज गायब
- वार्षिक रिपोर्ट व खातों पर अधिकृत हस्ताक्षर नहीं
छात्रों के हित में फैसला
“छात्र हित सर्वोपरि है। इसलिए प्रवेश प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई गई है,” – कुलदीप रांका, अतिरिक्त मुख्य सचिव
राज्य सरकार के इस निर्णय से ओपीजेएस विश्वविद्यालय चूरू के समस्त नवीन प्रवेश स्थगित कर दिए गए हैं।