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आजीवन कारावास के फैसले को पांच वर्ष में बदला अन्य लोगों को किया रिहा

नीमकाथाना, पिपल्यावाली ढाणी के ग्राम बामरड़ा में विगत 9 जनवरी 2015 को घर में घुसकर फुलचंद की हत्या करने का मामला खण्डेला पुलिस थाने में दर्ज हुआ। जिसमें परिवादी ग्यारसीलाल द्वारा दर्ज मामले में मूलचंद व अन्य सात लोगों के द्वारा हथियारों से लैस होकर घर में घुसकर फुलचंद की हत्या करने के मामले में न्यायालय एडीजे श्रीमाधोपुर ने 20 जुलाई 2018 को आरोपी मुलचंद को धारा 302 आईपीसी में आजीवन कारावास से दंडित किया गया एवं अन्य कमला देवी को पांच वर्ष व सुणाराम को एक वर्ष का कारावास दिया गया। जिसके विरुद्ध दोष-सिद्व मुल्जिम मुलचंद, कमला देवी एवं सुणाराम ने अधिवक्ता विद्युत गुप्ता के द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की। न्यायालय ने मात्र दो माह में ही अपील का निस्तारण करते हुए न्यायाधीश एमएन भंडारी व डीसी सोमानी ने अभियुक्त मूलचंद को धारा 302 आईपीसी में पारित आजीवन कारावास के आदेश के दण्डादेश से दोषमुक्त कर उसकी सजा को न्यून करते हुए मात्र पांच वर्ष में बदल दिया। शेष अभिुक्त कमला देवी व सुणाराम को परिविक्षा का नाम देकर रिहा कर दिया।