Dharmendra Superhit Dialogues: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. धर्मेंद्र ने अपने करिश्माई व्यक्तित्व, दमदार संवादों और शानदार अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज किया. उन्होंने बड़ी संख्या में फिल्मों में हेमा मालिनी के साथ स्क्रीन शेयर की, और दोनों की जोड़ी के लोगों के दिलों पर आज भी राज कर रही है।
बता दे की अपने पाँच दशक से अधिक लंबे करियर में उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और हिंदी सिनेमा को अनगिनत यादगार किरदार दिए. उनकी मौत की खबर सामने आते ही प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है. उनके जाने से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में गहरा दुख व्याप्त है.Dharmendra Superhit Dialogues:
उनके निधन के बाद आज हम आपको उनके 9 आइकॉनिक डायलॉग्स याद दिलाएंगे, जिन्होंने हिंदी फिल्मों को नई पहचान दी.
Dharmendra Superhit Dialogues:
- ‘बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना’ (फिल्म – शोले – Sholay, 1975)
- ‘कुत्ते कमीने! मैं तेरा खून पी जाऊंगा’, (फिल्म – यादों की बारात – Yaadon Ki Baaraat, 1973)
- ‘एक-एक को चुन-चुन के मारूंगा… चुन-चुन के मारूंगा’, (फिल्म – शोले – Sholay, 1975)
- ‘ओए! इलाका कुत्तों का होता है, शेर का नहीं’, (फिल्म – यमला पगला दीवाना – Yamla Pagla Deewana, 2011)
- ‘अगर तकदीर में मौत लिखी है तो कोई बचा नहीं सकता, अगर जिंदगी लिखी है तो कोई माई का लाल मार नहीं सकता’, (फिल्म – धरम वीर
- ‘कभी जमीन से बात की है ठाकुर? ये जमीन हमारी मां है’, (फिल्म – गुलामी – Ghulami, 1985)
- ‘इस कहानी में इमोशन है, ड्रामा है, ट्रैजेडी है’, (फिल्म – शोले – Sholay, 1975)
- ‘ये दुनिया बहुत बुरी है शांति, जो कुछ देती है बुरा बनने के बाद देती है’, (फिल्म – फूल और पत्थर – Phool Aur Patthar, 1966)
- ‘यह तो सो रहा था अमन का, बादलों को अपना तकिया बनाकर, इसे जगाया भी तुमने है और उठाया भी तुमने है.’, (फिल्म – जीने नहीं दूंगा – Jeene Nahi Doonga, 1984)