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कारगिल में गोली लगने से दिव्यांग हुए सैनिक के बेटे को मिली नौकरी

जिला कलक्टर संदेश नायक ने कारगिल युद्ध के दौरान आंख में गोली लगने से दिव्यांग हुए हवलदार माईराम के बेटे दलीप कुमार को वाहन चालक के पद पर नियुक्ति दी है। जिला कलक्टर नायक ने बुधवार को करगिल पैकेज के तहत 37 वर्षीय दलीप कुमार को यह अनुकंपात्मक नियुक्ति पत्र प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि राजगढ तहसील के गांव नूहंद निवासी हवलदार माईराम करगिल युद्ध के दौरान दांयी आंख में गोली रखने से दिव्यांग हो गए थे। दलीप कुमार ने बताया कि ऑपरेशन विजय (कारगिल) के दौरान स्थाई रूप से एक आंख गंवाने के बाद उनके पिता हवलदार माईराम वर्ष 2005 में सेवा से रिटायर्ड हो गए थे। उसके बाद से ही अनुकंपा नियुक्ति की फाइल लंबित थी लेकिन अब राज्य सरकार व जिला प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाते हुए यह अनुकंपात्मक पत्र प्रदान किया है। दलीप कुमार ने राज्य में सरकार की नियुक्ति पा कर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे अपने माता-पिता की अच्छी तरह से देखभाल कर सकेंगे एवं दोनों बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जो हालात हैं, उसमें प्रत्येक व्यक्ति को सेना का हौसला बढाना चाहिए तथा सेना के साथ खड़ा होना चाहिए। इस नियुक्ति के रूप में सरकार और प्रशासन ने भी यही संदेश दिया है। दलीप कुमार ने नियुक्ति पत्र प्राप्त कर जिला कलक्टर का तहे-दिल से आभार व्यक्त किया।