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पार्टी और समाज में विघटन न हो इसलिए लिया यह फैसला – सैनी

जिले की दो विधानसभा सीटों झुंझुनू और नवलगढ़ के लिए भाजपा को प्रत्याशी बनाने के लिए जहां काफी मशक्कत करनी पड़ी वही नवलगढ़ पर पार्टी को अपना निर्णय बदलना पड़ा। वर्तमान उप जिला प्रमुख बनवारी लाल सैनी झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से अपनी उम्मीदवारी जता रहे थे। उनका मानना था कि वो एक सशक्त उम्मीदवार है। लेकिन पार्टी ने जातिगत समीकरण व बनवारी लाल सैनी का बड़ा कद देखते हुए नवलगढ़ क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ने उन्हे अपना प्रत्याशी बनाया। भाजपा अभी तक नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से खाता नहीं खोल पाई है और इस स्थान पर कोंग्रेस से पूर्व चिकित्सा मंत्री एवं वर्तमान विधायक डॉक्टर राजकुमार शर्मा के मजबूत दावे को देखते हुए। पार्टी ने बनवारी लाल सैनी को वहां पर प्रत्याशी बनाया था लेकिन वहां के स्थानीय नेता रवि सैनी जो पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे उनके समर्थकों की उनकी नाराजगी सामने आने व रवि सैनी ने व्यक्तिगत रूप से बनवारी लाल सैनी से मिलकर अफसोस जताया। और नाराजगी जाहिर की साथ ही निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात भी कही। ऐसी स्थिति में पार्टी और समाज में विघटन को रोकने के लिए यह फैसला उन्होंने लिया। एक सवाल के जबाब में सैनी ने कहा कि मै पार्टी के प्रचार के लिए प्रभारी हु पार्टी मुझे जहा भी प्रचार के लिए भेजेगी वो जायेगे। साथ ही उन्होंने कहा कि वो समाज को ही सर्वोपरी मानते है क्योकि समाज में विघटन न हो तभी पार्टिया पूछती है। गौरतलब है कि सैनी भले ही गणित के अध्यापक रहे हो लेकिन इस मुद्दे को उन्होंने रास्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अनुसार केमिस्ट्री के नजरिये से सुलझाया है। जिसके चलते सैनी का कद पार्टी और समाज में बढ़ गया है। क्योकि पिछले दिनों दोनों पार्टियों में टिकट के लिए मारा मारी देखने को मिली थी ऐसे में सैनी का ये फैसला उनके बड़पन्न को दर्शाता है।