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चहूं और दर्शनीय स्थल व प्रकृति का अनुपम श्रृंगार

नांवा उपखंड बन सकता है पर्यटन का हब

दांतारामगढ़(लिखा सिंह सैनी) नांवा उपखंड मुख्यालय, विधानसभा क्षेत्र, नगर पालिका क्षेत्र , पंचायत समिति मुख्यालय है। यहां चहूं और दर्शनीय स्थल होने के साथ प्रकृति का भी अनुपम श्रृंगार है जो हर एक का मन मोह लेता है । यहां पर्यटन की अनेक संभावनाएं हैं । इसको लेकर वर्तमान में समाजसेवी मनोज गंगवाल द्वारा युवाओं व गणमान्य नागरिकों को लेकर सोशल मीडिया पर एक मुहिम के तहत जमकर आवाज उठाई जा रही है । इसी कड़ी में फ्रेंड्स क्लब व नावा सोशल सर्विस सोसायटी द्वारा इस संबंध में राज्य सरकार से मांग की गई है की झील के मध्य विराजमान मां शाकंभरी के मंदिर, एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील, भारत का प्रथम व विश्व का छठवें नंबर का बनने वाला फास्ट ट्रैक , राधा कृष्ण गो राधा कृष्ण चिकित्सालय , दर्शनीय स्टेशन नाडा बालाजी का मंदिर , अंग्रेजों की कब्रगाहे ,सभी धर्मों की आस्था का केंद्र आशिक अली पीर बाबा की दरगाह , कांच कलाकृति की अनुपम छटा बिखेरते दिगंबर जैन मंदिर , सब कारज के प्रथम पूजनीय सिद्धिविनायक बाग के गणेश जी का मंदिर , सब रोगों का एक निदान पगलया वाले बाबा का मंदिर , अरावली पर्वतमाला पर विराजमान देवों के देव जालेश्वर महादेव का मंदिर , मनभावन भीवडा नाडा बालाजी का मंदिर , प्रकृति का अनुपम श्रृंगार पाचोता कुंड क्षेत्र , मीठडी आस्था का केंद्र भादी पीठ मंदिर , मारोठ भेरुजी महाराज का मंदिर , प्राचीन 4 जैन मंदिर , बकरशाला , गौशाला, गणेश बावड़ी मारोठ , जैन धर्मावलंबियों का आस्था का केंद्र लूणवा जैन अतिशय क्षेत्र आदि है । नावा उपखंड उत्तर भारत की सबसे बड़ी नमक मंडी होने के साथ-साथ एशिया में एवरी पत्थर के जनक के रूप में अपनी अलग ही पहचान रखता है । सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने सरकार से निवेदन किया है कि सरकार इस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करती है तो सरकार को अपार राजस्व के साथ आमजन को अनेकों रोजगार के अवसर प्रदान होंगे ।