आजादी की राहों में पुस्तक विमोचन, महिलाओं के संघर्ष पर आधारित
नोएडा/झुंझुनू, वर्तमान अंकुर प्रकाशन द्वारा आयोजित भावांजलि एवं पुस्तक विमोचन समारोह में लेखक धर्मपाल गांधी की चौथी पुस्तक “आजादी की राहों में” का विमोचन हुआ। इस पुस्तक में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाली 40 महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन संघर्ष और बलिदान की कहानियां प्रस्तुत की गई हैं।
विमोचन में कई हस्तियां रहीं मौजूद
समारोह का उद्घाटन सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आलोक सिन्हा ने किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष मोहम्मद आजाद, विशिष्ट अतिथि रामकुमार झा निकुंज, सुनीता सोनू और अन्य वरिष्ठ साहित्यकारों ने पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर अंजू गांधी, इंद्र सिंह शिल्ला, और धर्मपाल गांधी भी मंच पर मौजूद रहे।
महिलाओं के योगदान का दस्तावेज
लेखक धर्मपाल गांधी ने कहा कि “भारत की आजादी की कहानी महिलाओं के योगदान के बिना अधूरी है।” पुस्तक में उन क्रांतिकारी महिलाओं की कहानियां हैं, जिन्होंने सामाजिक बंधनों को तोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें देश की प्रथम स्नातक महिला, प्रथम महिला मंत्री, संविधान सभा की महिला सदस्य समेत कई गुमनाम नायिकाओं की जीवनी शामिल की गई है।
साहित्यकारों का सम्मान
इस समारोह में साहित्य के क्षेत्र में अंकुर साहित्य सुधाकर सम्मान से धर्मपाल गांधी को सम्मानित किया गया। साथ ही, उन्हें “शब्द, शोध, सत्ता, इतिहासकार सम्मान” से भी नवाजा गया। कार्यक्रम में देशभर से आए कवियों और साहित्यकारों ने काव्य पाठ और विचार साझा किए।
पुस्तकें अमेजॉन पर उपलब्ध
धर्मपाल गांधी की यह चौथी पुस्तक है। उनकी पूर्व प्रकाशित कृतियां – ‘हिन्द की क्रांतिकारी बेटियाँ’, ‘आजादी के दीवाने’, और ‘क्रांति का आगाज़’ – को भी पाठकों ने सराहा। तीनों पुस्तकें वर्तमान अंकुर प्रकाशन से प्रकाशित हुई हैं और अमेजॉन पर उपलब्ध हैं।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
धर्मपाल गांधी ने कहा कि “यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाएगी कि कैसे महिलाओं ने दोहरी लड़ाई – आजादी की और सामाजिक बेड़ियों की – एक साथ लड़ी।“
समारोह का संचालन और आभार
कार्यक्रम का संचालन राजदीप सिंह, रोहित मिश्र और यादवेन्द्र आर्य ने किया। वर्तमान अंकुर प्रकाशन के प्रधान संपादक निर्मेश त्यागी वत्स ने सभी का आभार व्यक्त किया।