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किसानों को पाले से फसल को बचाने की सलाह

शीतलहर से बचाव के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

झुंझुनू, कृषि विभाग ने किसानों को शीतलहर की संभावना को देखते हुए फसल के पाले से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक पीसी बुनकर ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 10 जनवरी से 25 जनवरी तक दिन में भी ठण्ड बढ़ेगी व हल्का बारीश होने की भी संभावना है जिसके कारण शीत लहर एवं पाले से सर्दी के मौसम में सभी फसलों को थोड़ा या ज्यादा नुकसान होता है। पाले के प्रभाव से पत्तियां व फूल झुलसकर झड जाते है व अधपके फल सिकुड जाते है टमाटर, मिर्च, बैंगन, धनिया, मटर, चना, अलसी, सरसों आदि फसलों में सबसे ज्यादा 70 से 80 प्रतिशत नुकसान हो सकता है। अरहर में 70 प्रतिशत और गेहूं, जौ में 20 से 40 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है।

शीतलहर पाले से फसल सुरक्षा के उपाय:-

  1. जिस रात पाला पड़ने की संभावना हो उस रात 12 से 2 बजे के आस-पास खेत के उत्तर-पश्चिमी दिशा से आने वाली ठण्डी हवा की दिशा में खेत के किनारें पर बोई हुई फसल के आस पास मेडो पर, रात्रि में कुडा कचरा व्यर्थ घासफूस जलाकर घूंआ करना चाहिये, ताकि खेत में धूआ हो जाये. जिससे वातावरण में गर्म हो जायेगा।
  2. फसलों को पाले से बचाने के लिये गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत (2) ग्राम प्रति लीटर पानी) घोल का छिड़काव 15-15 दिन के अंतराल से दोहराते रहे या थायो यूरिया 500 पी.पी.एम (आधा ग्राम) प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर छिडकाव करे ।
    3 पाला पड़ने की संभावना हो तब खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए। नमीयुक्त जमीन में काफी देरी तक गर्मी रहती है। जिससे 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ जाता है।
  3. सब्जी वाली फसलों को पाले से बचाने के लिये पालिथीन या भूसे से ढक देवें। उत्तर-पश्चिमी दिशा से आने वाली ठण्डी हवा से बचाव के लिये वायुरोधी टाटीयां बांध देवे। खेत की मेडो पर वायुरोधक पेड जैसे शहतूत, शीशम, बबूल, खेजडी, जामून इत्यादि लगा दे।