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Jhunjhunu News: वायुसेना दिवस पर शहीद सुरेंद्र मोगा को गैलंट्री मेडल

Air Force Day 2025: Gallantry medal for Jhunjhunu martyr Moga

ऑपरेशन सिंदूर में बलिदान देने वाले शहीद को वायुसेना का सर्वोच्च सम्मान

93वां वायुसेना दिवस: वीरता को मिलेगा सम्मान

नई दिल्ली/झुंझुनूं, भारतीय वायुसेना 8 अक्टूबर को अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर हिंडन एयरबेस पर भव्य परेड और हवाई प्रदर्शन हो रहा है, जो देश की सैन्य ताकत और अनुशासन का परिचायक है।

इस वर्ष का वायुसेना दिवस राजस्थान के झुंझुनूं जिले के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को मरणोपरांत ‘वायुसेना मेडल (गैलंट्री)’ से नवाजा जा रहा है।


ऑपरेशन सिंदूर के शहीद: झुंझुनूं के वीर सपूत

मेहरादासी गांव, तहसील मंडावा, झुंझुनूं निवासी सार्जेंट सुरेंद्र मोगा ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए देश की रक्षा में बलिदान दिया था।

वे इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना से शहीद होने वाले एकमात्र योद्धा थे।
उनकी शौर्यगाथा अब वायुसेना मेडल (गैलंट्री) के माध्यम से अमर हो जाएगी।


सम्मान की घोषणा स्वतंत्रता दिवस पर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर इस वीर सपूत को गैलंट्री अवॉर्ड देने की घोषणा की थी।

अब यह सम्मान वायुसेना दिवस 2025 के अवसर पर हिंडन एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह द्वारा परिवार को सौंपा जाएगा।


वायुसेना प्रमुख पहुंचे शहीद के घर

12 अगस्त 2025 को एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह स्वयं झुंझुनूं के मेहरादासी गांव पहुंचे और शहीद के घर श्रद्धांजलि अर्पित की।

“सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की शहादत भारतीय वायुसेना की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। हम उनके परिवार के साथ सदैव खड़े रहेंगे।” – एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह

यह संभवतः पहली बार था जब वायुसेना प्रमुख ने किसी शहीद के घर जाकर व्यक्तिगत रूप से सम्मान व्यक्त किया।


शेखावाटी की धरती फिर बनी शौर्य की मिसाल

राजस्थान से तीनों सेनाओं में शहीद होने वाले इकलौते सैनिक थे सुरेंद्र मोगा।
उनकी बलिदान गाथा शेखावाटी की वीरता को एक बार फिर साबित करती है।

पूरा झुंझुनूं जिला, विशेष रूप से मंडावा क्षेत्र, इस अभूतपूर्व सम्मान पर गर्व महसूस कर रहा है।