झुंझुनूं, विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल की ओर से गांधी चौक, ताल बाजार में अखंड भारत दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व बजरंग दल जिला संयोजक सुशील प्रजापति ने किया।
अखंड भारत की तस्वीर और ऐतिहासिक संदर्भ
इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने अखंड भारत का चित्र बनाकर राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश दिया।
सुशील प्रजापति ने कहा कि “महाभारत काल से लेकर आज तक भारत भूमि का इतिहास हमें यह बताता है कि हम जम्बूद्वीप और हिंद महासागर के निवासी हैं। अंग्रेजों ने सागरमाथा और गौरीशंकर जैसे पर्वतों के नाम बदलकर हमारी पहचान मिटाने का प्रयास किया। अब समय है कि हम संगठित होकर राष्ट्र को सशक्त बनाएं।”
विभाजन और ऐतिहासिक घटनाओं पर चर्चा
प्रांत परियोजना सह प्रमुख योगेन्द्र कुण्डलवाल ने कहा कि इतिहास में कई हिस्से धर्म और राजनीति के नाम पर भारत से अलग हुए।
उन्होंने बताया कि –
- 14-15वीं शताब्दी में चंपा (कंबोडिया),
- 1800 में जावा, थाईलैंड, इंडोनेशिया,
- 1876 में अफगानिस्तान,
- 1904 में नेपाल,
- 1906 में भूटान,
- 1914 में तिब्बत,
- 1935 में श्रीलंका,
- 1937 में बर्मा,
- 1947 में पाकिस्तान और बांग्लादेश अलग हो गए।
उन्होंने कहा कि आज भी हिंदुओं को जाति और भाषा के नाम पर बांटकर भारत को तोड़ने की साजिशें हो रही हैं।
मुख्य अतिथि और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी
इस अवसर पर कई प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें –
- जिला विधि प्रमुख पंकज बावलिया
- जिला सुरक्षा प्रमुख पिन्टु कुमावत
- बालोपासना प्रमुख विनय कुमावत
- नगर अध्यक्ष अशोक सैनी
- नगर संयोजक प्रवीण शर्मा
- सेवा प्रमुख श्यामसुंदर पाटोदिया
- मिलन केंद्र प्रमुख सोनू कुमावत
- निवर्तमान पार्षद अशोक प्रजापति व विनोद जांगिड
- रोहन सैनी, मुकेश शर्मा, मोनू भार्गव, नरेन्द्र कुमावत, मनीष दाधीच, सुनिल मोरवाल, अनिल चावरिया, दिनेश योगी, देवकीनन्दन वर्मा, दीपक कुमावत, हरिश योगी, वैभव, मोहित योगी, अर्जून, लोकेश योगी, सज्जन सैनी, बंटी सैनी, भवानी सैनी आदि शामिल थे।
राष्ट्रीय एकता का संदेश
कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय अखंडता, सहिष्णुता और संगठन की शक्ति का संदेश देना था। वक्ताओं ने देशवासियों से आह्वान किया कि वे विभाजनकारी विचारधाराओं से बचकर एकजुट भारत के निर्माण में योगदान दें।