झुंझुनूं, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए अमेज़न डॉट इन को दोषी ठहराया है। आयोग ने उपभोक्ता को मानसिक संताप और मुकदमा व्यय पेटे ₹52,500 देने के आदेश दिए हैं।
यह मामला झुंझुनूं जिले के बुहाना कस्बे के निवासी अभिषेक कुमार से जुड़ा है, जिन्होंने 18 अगस्त 2023 को ₹1,499 का वॉटर प्यूरीफायर ऑनलाइन बुक किया था।
डिलीवरी नहीं, रकम भी नहीं लौटाई
अभिषेक कुमार ने अमेज़न पर पेमेंट करने के बाद प्रोडक्ट की प्रतीक्षा की,
लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद डिलीवरी नहीं हुई।
उन्होंने कस्टमर केयर से 10 बार संपर्क किया,
फिर भी ना प्रोडक्ट मिला, ना ही पैसे वापस हुए।
आखिरकार, पीड़ित उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, झुंझुनूं में परिवाद दायर किया।
अमेज़न की अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस मानी गई दोषपूर्ण
सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार मील और सदस्य प्रमेन्द्र सैनी की बेंच ने कहा—
“अमेज़न द्वारा अपनाई गई यह अनुचित व्यापार प्रथा (Unfair Trade Practice)
और डार्क पैटर्न का उदाहरण है, जो उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करती है।”
आयोग ने आदेश दिया कि अमेज़न न केवल उपभोक्ता को
₹52,500 क्षतिपूर्ति राशि दे, बल्कि वॉटर प्यूरीफायर भी उपलब्ध करवाए।
यदि ऐसा संभव नहीं हो, तो भुगतान की गई राशि ₹1,499 तत्काल लौटाई जाए।
‘डार्क पैटर्न’ पर सख्त टिप्पणी
आयोग के आदेश में कहा गया कि—
“अमेज़न का यह आचरण भारत सरकार की डिजिटल इंडिया योजना की भावना के विरुद्ध है।
इस तरह के डार्क पैटर्न उपभोक्ता के साथ छल हैं और ऑनलाइन मार्केट की पारदर्शिता को ठेस पहुँचाते हैं।”
उपभोक्ता के लिए बड़ी राहत
इस फैसले को उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में बड़ी जीत माना जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने आयोग के इस आदेश का स्वागत किया और कहा कि इससे
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स में जवाबदेही बढ़ेगी।