न्याय मित्र केके गुप्ता ने अध्यक्ष स्थाई लोक अदालत झुंझुनू को लिखा पत्र

निकाय झुंझुनू, नवलगढ़ एवं मंडावा में लीगेसी वेस्ट (पुराना कचरा) पर कार्य करने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया

निकाय नवलगढ़ में लिगेसी वेस्ट निस्तारण का कार्य धीमी गति से और झुंझुनू एवं मंडावा में अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं

स्वच्छ भारत मिशन एवं पर्यावरण संरक्षण के तहत न्याय मित्र केके गुप्ता का नवाचार

झुंझनू, लोक अदालत द्वारा झुंझनू नियुक्त न्याय मित्र तथा पूर्व सभापति नगर परिषद डूंगरपुर केके गुप्ता ने अध्यक्ष स्थाई लोक अदालत झुंझुनू को पत्र लिखकर स्वच्छ भारत मिशन एवं पर्यावरण के तहत निकाय झुंझुनू, नवलगढ़ एवं मंडावा में लीगेसी वेस्ट (पुराना कचरा) पर कार्य करने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया है। लीगेसी वेस्ट यानी पुराना कूड़ा पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक होता है। क्योंकि इस कूड़े में मरे हुए जानवर, कपड़ा, कंक्रीट, पालीथिन, रबड़, कांच, मिट्टी आदि सभी कुछ मिक्स होता है। जिससे जहां पर यह कूड़ा होता है।

पत्र में अवगत कराया कि नगर पालिका नवलगढ़ में लिगेसी व्यस्त निस्तारण का कार्य बड़ी धीमी गति से चल रहा है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी द्वारा निविदा आमंत्रित करते हुए अहमदाबाद की एक फर्म को गत 15 जुलाई 2022 को कार्य आदेश जारी किए गए थे। परंतु वर्तमान में यह कार्य बड़ी मंथर गति से चल रहा है। उक्त फर्म द्वारा कचरा स्थल को चार जोन में विभाजित करते हुए पुनः सर्वे कराया गया जिसके अनुसार 65194 घन मीटर कचरे का आंकलन किया गया। इसके पश्चात फॉर्म द्वारा गत 8 नवंबर 2022 से कार्य शुरू किया गया। इसके पश्चात अब तक कुल 38192 घन मीटर का कार्य पूरा किया जा चुका है जबकि 27002 घन मीटर कचरा निस्तारण का कार्य शेष है और यह कार्य पूर्ण करने के लिए दिनांक 17 जनवरी 2023 निर्धारित तिथि थी। निकाय नवलगढ़ के अधिकारियों द्वारा निस्तारण के लिए हो रहे विलंब के प्रकरण में संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है तथा ठेकेदार द्वारा कितनी समय अवधि में उक्त कार्य को पूर्ण किया जाएगा और जो लिगेसी वेस्ट आरडीएफ निकला गया था, इसका निष्पादन कहां किया गया एवं कितनी मात्रा में किया गया इसकी समस्त रिपोर्ट मंगवाई जा रही है जिससे ठेकेदार द्वारा की गई लापरवाही प्रमाणित हो सके।

वही, नगर परिषद झुंझुनूं और नगर पालिका मंडावा के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि लिगेसी कचरा निस्तारण के लिए निविदा प्रक्रिया सवाई शासन विभाग जयपुर द्वारा टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दी गई है तथा कार्य आदेश भी जारी कर दिए हैं परंतु ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है जिससे भारी समस्याएं आ रही है टेंडर प्रक्रिया के दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं होने की वजह से संबंधित ठेकेदार से संपर्क नहीं हो रहा है जबकि टेंडर प्रक्रिया काफी समय पूर्व ही पूर्ण कर दी गई थी।

पत्र मे अवगत कराया कि लीगेसी वेस्ट (पुराना कचरा) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के निर्देशानुसार जितने भी पुराने कचरों के ढेर है और यदि राजस्थान की बात करें तो 196 निकायों में से डूंगरपुर निकाय को छोडक़र आज भी गंदगी का अड्डा बना हुआ है। जहां वर्षों का कचरा जमा हुआ है तथा आज स्वच्छता एवं पर्यावरण को पूरी तरह से प्रभावित कर रहे है। इससे न केवल धरती का जल प्रभावित हो रहा है अपितु बीमारियां भी फैल रही है। इसका निस्तारण प्रभावित तरीके एवं तकनीक से करने की आवश्यकता है। स्वायत शासन विभाग राजस्थान सरकार द्वारा इसकी टेंडर प्रक्रिया तो पूरी कर दी गई है एवं आदेश भी जारी कर दिए हैं परंतु तकनीकी खामियों के चलते आनन-फानन में किए गए टेंडर जिसमें बहुत सी कमियों के कारण यह कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है तथा जहां प्रारंभ हो गया उसे तकनीकी आधार पर नहीं किया जा रहा है।

केके गुप्ता ने पत्र में बताया कि आज भी राजस्थान में लीगेसी वेस्ट पर नया कचरा डाला जा रहा है जो कार्य को प्रभावित करेगा तथा कचरा स्टैंड एक ही होने से उसका निस्तारण तुरंत आवश्यक है। वर्तमान में राजस्थान सरकार एवं भारत सरकार द्वारा डीएमएफटी फंड से जो राशि उपलब्ध करवाई गई है वह लीगेसी वेस्ट उठाने के बाद पालिका नियमित कचरे का निस्तारण के लिए उसे मशीनें कहां से उपलब्ध होगी? लीगेसी वेस्ट को कहां उपयोग में लिया गया उसके निस्तारण की जांच आवश्यक है अन्यथा उसे जमीन मे गाड़ दिया गया तो यह पर्यावरण को प्रदूषित करेगा तथा एन.जी.टी. के निर्देशों की अव्हेलना होगी। ठेकेदार को कार्य निर्धारित समय में पूरा करने एवं एक ठेकेदार को एक जिले से ज्यादा का लीगेसी वेस्ट का कार्य नहीं देने पर विशेष ध्यान देना होगा। लीगेसी वेस्ट (पुराना कचरा) में पैदा हो रहे कीटाणु तथा उठ रहे धुएं एवं जमीन में लीगेसी वेस्ट के कचरे पर से जा रहे वर्षा पानी जिससे धरती का जल प्रदूषित हो रहा है वह पूरे शहर के लिए चिंता का विषय है।

गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में जो भी निकाय घर-घर कचरा संग्रहण कर रही है तथा कचरे को पुराने ढेरों में डाल रही है उन पर तत्काल रोक की आवश्यकता है। आज राजस्थान के डूंगरपुर निकाय ऐसी है जिसका नियमित रिफ्यूज डीराइव्ड फ्यूल सीमेंट फैक्ट्रियां ले रही है तथा आग के रूप में काम आ रहा है तथा दूसरी निकायों के रिफ्यूज डीराइव्ड फ्यूल को सीमेंट फैक्ट्रियां नहीं ले रही है जबकि चित्तौडग़ढ़ की सीमेंट फैक्ट्रियां में ग्रेटर नोएडा (यु.पी.), अंबाला (हरियाणा), पानीपत, सूरत, दिल्ली, गुजरात, बड़ौदा, उज्जैन, झांसी आदि शहरों में सीमेंट फैक्ट्री पर रिफ्यूज डीराइव्ड फ्यूल आ रहा है परन्तु राजस्थान का रिफ्यूज डीराइव्ड फ्यूल सीमेंट फेक्ट्रीयों में न जाना चिंता का विषय हैं। निकाय झुंझुनू, नवलगढ़ एवं मंडावा द्वारा भी अब रिफ्यूज डीराइव्ड फ्यूल को व्यवस्थित कर सीमेंट फैक्ट्रीयों मे सप्लाई करने की प्रक्रिया को अपनाने हेतु राजस्थान सरकार एवं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण, नई दिल्ली को उचित दिशा निर्देश जारी करने का श्रम करें।