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उदयपुरवाटी में अरावली बचाने के लिए उपखंड कार्यालय घेराव

Aravalli activists protest at Udaypurwati subdivision office

उदयपुरवाटी।कैलाश बबेरवाल। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली की 100 मीटर ऊंचाई को लेकर हाल ही में लिए गए फैसले के विरोध में उदयपुरवाटी में जन-आक्रोश फूटा।

मरुसेना फाउंडेशन और अरावली बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों पर्यावरण प्रेमियों ने जयपुर रोड स्थित उपखंड कार्यालय का घेराव किया।


नारेबाजी और ज्ञापन सौंपा

प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसडीएम सुमन सोनल के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।

आंदोलनकारियों का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकार की अरावली पर वर्तमान वकालत खनन माफियाओं और कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने वाली है।


वक्ताओं की चेतावनी

एडवोकेट जयंत मूंड ने कहा—
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस परिभाषा को सुप्रीम कोर्ट 2010 में खारिज कर चुका था, राजस्थान सरकार ने 2024 में उसी का समर्थन किया। अरावली को खनन की भेंट नहीं चढ़ने दिया जाएगा।”

संयोजक अजय सिंह ने चेतावनी दी कि अरावली उत्तर भारत को रेगिस्तान बनने से रोकने वाली अनमोल दीवार है।


मुख्य मांगें

  • अरावली की 100 मीटर ऊंचाई फैसले पर पुनर्विचार याचिका
  • अरावली क्षेत्र में अवैध और अनियंत्रित खनन पर पूर्ण प्रतिबंध
  • खनन गतिविधियों के बजाय अरावली पुनर्जीवित करने पर ध्यान

मौजूद लोग

प्रदर्शन में शामिल थे—
जयंत मूंड, सुनीत शेरावत, एडवोकेट हंसराज कबीर, के के सैनी, पार्षद भगीरथ मल सैनी, पूर्व सरपंच बुधराम सैनी सहित बड़ी संख्या में युवा और पर्यावरणविद।

जयंत मूंड ने कहा—
“न्यायपालिका को कांच के कमरों से बाहर निकलकर अरावली की गोद में बसे गांवों की हकीकत देखनी चाहिए। यह फैसला नहीं, अरावली के विनाश का फरमान है।”