एआई तकनीक से लेखा परीक्षण को तेज और सटीक बनाने पर जोर
झुंझुनूं, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से मनाए जा रहे ऑडिट दिवस-2025 के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हक़), राजस्थान की ओर से कलेक्ट्रेट सभागार, झुंझुनूं में भुगतान एवं लेखांकन विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई।
जिला प्रशासन और कोषागार के अधिकारी रहे मौजूद
कार्यशाला में जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग, कोषाधिकारी डॉ. सतीश कुमार, उप-कोषाधिकारीगण, आहरण एवं वितरण अधिकारी (DDO) सहित लगभग 50 से अधिक अधिकारी एवं कार्मिक शामिल हुए।
एआई तकनीक से लेखा परीक्षण में क्रांति
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हक़) प्रवीन्द्र यादव ने लेखा परीक्षण में नवीन तकनीकों की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (OCR) सॉफ्टवेयर के माध्यम से लगभग तीन लाख वाउचरों की सघन जांच पर आधारित एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
वाउचर जांच होगी अधिक सटीक और प्रभावी
प्रवीन्द्र यादव ने बताया कि:
- एआई तकनीक से वाउचरों की जांच तेज, सटीक और प्रभावी हो रही है
- वाउचर की परिपूर्णता सुनिश्चित करना आवश्यक है
- लेखांकन त्रुटियों को रोकने के लिए अंक-मिलान व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाना चाहिए
इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को व्यावहारिक दिशा-निर्देश भी दिए।
पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन पर जोर
कार्यशाला में प्रतिभागियों को:
- भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता
- वित्तीय अनुशासन
- लेखांकन की शुद्धता
सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई।