Posted inJhunjhunu News (झुंझुनू समाचार)

Jhunjhunu News: विधायक भगवानाराम सैनी का सूचना केंद्र विवाद में समर्थन

MLA Bhagwanaram Saini supports journalists in Jhunjhunu information center case

मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पत्रकार हित में कार्रवाई की मांग की गई

1झुंझुनूं जिला सूचना केंद्र को लेकर चल रहे विवाद में अब राजनीतिक समर्थन भी सामने आने लगा है।

उदयपुरवाटी विधायक भगवानाराम सैनी ने सूचना केंद्र में एसीबी कोर्ट स्थापित करने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए झुंझुनूं पत्रकार संघ को पूर्ण समर्थन दिया है।

“सूचना केंद्र पत्रकारों की कार्यस्थली है” – विधायक सैनी

विधायक सैनी ने कहा कि “सूचना केंद्र संवाद, अभिव्यक्ति और शोध का केंद्र है। यहां एसीबी कोर्ट खोलना अनुचित है और यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधी चोट है।”

उन्होंने इस विषय में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर मांग की है कि झुंझुनूं में एसीबी कोर्ट के लिए कोई अन्य उपयुक्त भवन चुना जाए।

पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा जरूरी

विधायक ने पत्र में लिखा, “पत्रकारों की कार्यस्थली और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा सरकार का दायित्व है। यदि सूचना केंद्र को कोर्ट में बदल दिया गया, तो यह पत्रकारों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन होगा, जिसे कांग्रेस पार्टी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।”

पत्रकारों ने जताया आभार

झुंझुनूं जिले के पत्रकारों ने विधायक सैनी के समर्थन का स्वागत किया है। पत्रकारों ने उम्मीद जताई है कि सरकार उनकी भावनाओं और लोकतंत्र की गरिमा को समझते हुए सूचना केंद्र को सुरक्षित रखेगी।

इस समर्थन से झुंझुनूं सूचना केंद्र विवाद को और बल मिला है और आने वाले दिनों में राजनीतिक व सामाजिक हलकों में यह मुद्दा और तेज़ी से गूंज सकता है।

2 आदिवासी सेवा संस्थान ने दिया ज्ञापन, सूचना केंद्र में एसीबी कोर्ट खोलने का विरोध

झुंझुनूं। जिला सूचना केंद्र भवन में एसीबी कोर्ट स्थापित किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ गुरुवार को आदिवासी सेवा संस्थान झुंझुनूं की ओर से मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर अरुण गर्ग को ज्ञापन सौंपा गया।

संस्थान ने ज्ञापन में स्पष्ट रूप से मांग की कि सूचना केंद्र पत्रकारों की कार्यस्थली और लोकतांत्रिक संवाद का केंद्र है, ऐसे में वहां एसीबी कोर्ट खोलना अनुचित है। संस्था ने आग्रह किया कि एसीबी कोर्ट के लिए कोई अन्य उपयुक्त स्थान निर्धारित किया जाए।

“सूचना केंद्र पत्रकारों की आवाज़ का मंच है” – संस्थान

ज्ञापन सौंपने पहुंचे महासचिव डॉ. कमल मीणा ने कहा कि “पत्रकार लोकतंत्र की रीढ़ हैं, और उनकी अभिव्यक्ति के मंच को बाधित करना लोकतंत्र को कमजोर करने जैसा है।”

इस अवसर पर सुशील मीणा, सुरेंद्र घुमरिया, कमलेश मीणा, मनीष घुमरिया, बलबीर छापोला और हजारी सुनारी सहित कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने पत्रकारों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि संस्थान पूरी तरह उनके साथ है।

प्रशासन से निष्पक्ष निर्णय की अपेक्षा

संस्था के सदस्यों ने प्रशासन से अपील की कि जनभावनाओं और पत्रकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि संवाद और स्वतंत्र पत्रकारिता को बचाए रखना है, तो सूचना केंद्र को संरक्षित रखा जाना आवश्यक है।