लोकसभा में झुंझुनूं की उपेक्षा पर सवाल
झुंझुनूं। सांसद बृजेंद्र सिंह ओला ने आज लोकसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से शीतगृह और पैकेजिंग हब योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि राजस्थान कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद कई जिलों में इस योजना की उपेक्षा होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरकारी आंकड़े बताते हैं असंतुलित क्रियान्वयन
सांसद ने बताया कि राजस्थान में पिछले तीन वर्षों में 1087 लाभार्थियों को 64.45 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई।
लेकिन झुंझुनूं में केवल 24 लाभार्थियों के लिए 1.42 करोड़ रुपये का लाभ मिला, और जिले में एक भी कोल्ड स्टोरेज या पैकेजिंग परियोजना स्वीकृत नहीं हुई।
“किसानों को फसल भंडारण और प्रसंस्करण की सबसे अधिक आवश्यकता है। झुंझुनूं जैसे किसान बहुल जिलों को योजना से बाहर रखना समझ से परे है।”
डिमांड बेसिस का बहाना खारिज
सांसद ने केंद्र सरकार की दलील खारिज करते हुए कहा कि योजना डिमांड आधारित है, लेकिन न किसानों को न एफपीओ को योजना की समुचित जानकारी दी गई और न आवेदन प्रक्रिया सरल बनाई गई।
केंद्र से विशेष पैकेज की मांग
ओला ने मांग की कि आने वाले समय में झुंझुनूं जैसे किसान बहुल जिलों के लिए
- विशेष पैकेज,
- सरल शर्तें, और
- लक्ष्य आधारित स्वीकृतियाँ
पर गंभीरता से विचार किया जाए।
ताकि योजनाओं का वास्तविक लाभ किसानों और ग्रामीण युवाओं तक पहुँच सके।
किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए जरूरी कदम
सांसद ओला ने कहा कि योजना की उपेक्षा से किसानों को सीधे नुकसान होता है और
कृषि प्रसंस्करण, भंडारण और रोजगार सृजन की संभावनाएँ सीमित रहती हैं।
“झुंझुनूं जैसे जिलों के किसानों के लिए योजनाओं का वास्तविक क्रियान्वयन अनिवार्य है।”
सांसद की यह पहल स्थानीय किसानों के हित में योजना सुधार की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।