Posted inJhunjhunu News (झुंझुनू समाचार)

Jhunjhunu News: झुंझुनूं जिला परिषद के CEO रणजीत सिंह को सरकार ने किया APO

Jhunjhunu Zila Parishad to hold general meeting on 28 November

झुंझुनू जिला परिषद में है मिडिया को सिमित कवरेज अनुमति

झुंझुनूं। झुंझुनूं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रणजीत सिंह को सरकार ने एपीओ (Additional Post of Officer) कर दिया है। कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार उन्हें आगामी निर्देशों तक पदस्थापन आदेश की प्रतीक्षा में रखा जाएगा।

शिकायतों के आधार पर उठाया कदम

मिली जानकारी के अनुसार जनप्रतिनिधियों से लगातार मिली शिकायतों, विशेषकर जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में सीईओ के कामकाज और रवैये को लेकर उठाए गए विरोध के कारण यह कार्रवाई की गई। कई सदस्यों ने आरोप लगाए थे कि रणजीत सिंह जनप्रतिनिधियों की बातों को अनसुना करते हैं और काम स्वीकृत नहीं करते।

गतिरोध और संवाद कार्यक्रम

29 अगस्त को हुई साधारण सभा की बैठक में इस मामले ने तूल पकड़ा था। बैठक में हुई तीखी नोकझोंक और उसके बाद सत्ता-संगठन के बीच संवाद कार्यक्रम में भी शिकायतें दोहराई गईं, जिससे सरकार ने संज्ञान लिया।

अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर व एपीओ

सरकार ने इसी दिन दो आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर व तीन RAS अधिकारियों को एपीओ पद दिया है। झुंझुनूं जिला परिषद के रणजीत सिंह सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

लोगो में लगातार यह भी रहती है चर्चा – जिला परिषद में है मिडिया को सिमित कवरेज अनुमति

गौरतलब है कि झुंझुनू जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में मिडिया को भी सिमित ही अनुमति कवरेज की दी जाती है। पिछले कुछ समय से यह परिपाटी झुंझुनू जिला परिषद द्वारा अपनाई जा रही है। इसको लेकर समय समय पर जिला परिषद के कई सदस्य इसका विरोध और निंदा कर इसे लोकतंत्र की भावना के विरुद्ध बता चुके है। उस समय सदस्यों का कहना था कि जब लोकतंत्र के सबसे बड़े सदन संसद और विधानसभा में भी मीडिया को रोक-टोक नहीं है तो जिले की संसद में मीडिया पर पाबंदी लगाना लोकतंत्र के विपरीत है। बता दे कि तत्कालीन सीईओ जवाहर चौधरी के समय कुछ सदस्यों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बवाल मचाया था। मोके पर उपस्थित मिडिया कर्मियों के तब कैमरे तक बंद करने के लिए कह दिया था। जिसके बाद मिडिया कर्मियों ने विरोध भी दर्ज करवाया था और नाराज मिडिया कर्मियों ने जिला परिषद में एक बार उस समय प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत की प्रेस वार्ता का भी बहिष्कार कर दिया था।