झुंझुनूं में निर्माण कार्य पर उपकर अनिवार्य
झुंझुनूं जिले में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (BOCW) अधिनियम 1996 प्रभावी है। इसके तहत 27 जुलाई 2009 के बाद निर्मित सरकारी, वाणिज्यिक और निजी भवनों पर निर्माण लागत का 1 प्रतिशत श्रम उपकर (सेस) देना अनिवार्य है।
किसे देना होगा उपकर
- 10 लाख रुपये से अधिक लागत वाले आवासीय भवन
- सभी व्यावसायिक (कॉमर्शियल) भवन
- सरकारी व निजी निर्माण कार्य
राजस्थान में किसी भी वर्ग को उपकर में छूट नहीं दी गई है।
निर्माण शुरू और पूर्ण होने पर जरूरी सूचना
भवन मालिक या नियोजक को:
- निर्माण शुरू करने के 30 दिन के भीतर श्रम विभाग को सूचना देनी होगी
- निर्माण पूर्ण होने या उपकर निर्धारण के 30 दिन के भीतर राशि जमा करानी होगी
- यदि निर्माण अवधि एक वर्ष से अधिक है, तो हर वर्ष उपकर जमा करना अनिवार्य है
388 से अधिक भवन मालिकों को नोटिस
श्रम कल्याण अधिकारी मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि
वित्तीय वर्ष 2025-26 में:
- 388 से अधिक निर्माण स्थलों (आवासीय व व्यावसायिक) के मालिकों को नोटिस जारी किए गए
- 12 नियोजकों के खिलाफ एकतरफा उपकर निर्धारण आदेश जारी किए जा चुके हैं
नियम नहीं माने तो भारी जुर्माना
यदि नियत समय में उपकर जमा नहीं किया गया तो:
- 24% वार्षिक ब्याज लगाया जाएगा
- अतिरिक्त आदेश के बाद भुगतान नहीं करने पर 100% पेनल्टी
- वसूली की कार्रवाई जिला कलेक्टर के माध्यम से होगी
दस्तावेज पेश करने का मौका
श्रम विभाग द्वारा पहले भवन मालिकों को:
- निर्माण से जुड़े दस्तावेज
- स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का अवसर दिया जा रहा है
इसके बाद भी राशि जमा नहीं करने पर विभाग स्वयं लागत आंककर एकतरफा सेस निर्धारण करेगा।
नक्शा पास कराने पर भी देना होगा अंतिम उपकर
श्रम विभाग ने स्पष्ट किया है कि:
“यदि नगर परिषद/नगरपालिका में नक्शा स्वीकृति के समय अनुमानित उपकर जमा कराया गया है, तब भी अंतिम उपकर निर्धारण राशि श्रम विभाग में जमा कराना अनिवार्य है।”
Shekhawati Live की अपील
भवन मालिक और निर्माणकर्ता समय रहते उपकर जमा कर नियमों का पालन करें, ताकि अनावश्यक जुर्माना, ब्याज और कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।