झुंझुनूं में गूंजी उपभोक्ता अधिकारों की आवाज़
झुंझुनूं, जिले में 30 दिवसीय ‘कंज्यूमर्स वॉयस न्यायोत्सव’ का शुभारंभ कलेक्ट्रेट परिसर में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अध्यक्ष मनोज कुमार मील के सान्निध्य में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।
1 लाख लोगों को शपथ दिलाने का लक्ष्य
अध्यक्ष मनोज मील ने बताया कि यह अभियान एक माह तक चलेगा और इसका मुख्य उद्देश्य है:
- उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता
- हर खरीद पर बिल लेने की आदत
- मानक चिह्नित उत्पादों की पहचान
- गलत व्यापार व्यवहार की स्थिति में आयोग से न्याय पाने की जानकारी देना
आयोग का लक्ष्य है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से 1 लाख उपभोक्ताओं को जागरूकता शपथ दिलाई जाए।
पहले दिन 5000 से अधिक लोगों ने ली शपथ
अभियान की शुरुआत बेहद उत्साहजनक रही। पहले ही दिन 5000+ उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन शपथ लेकर प्रमाण-पत्र डाउनलोड किए।
मील ने कहा:
“शुरुआत बेहद शानदार रही है। हमें उम्मीद है कि 1 लाख का लक्ष्य निर्धारित समय से पहले पूरा कर लेंगे।”
ऑनलाइन उपभोक्ता शपथ अभियान लॉन्च
कार्यक्रम में विशेष रूप से ऑनलाइन उपभोक्ता जागरूकता शपथ अभियान भी लॉन्च किया गया।
इसके तहत एक QR कोड जारी किया गया, जिसे स्कैन कर उपभोक्ता तुरंत:
- शपथ ले सकेंगे
- डिजिटल प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकेंगे
- ईमेल पर भी प्राप्त कर सकेंगे
इस डिजिटल सुविधा से युवाओं, विद्यार्थियों और सरकारी कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली।
‘हर खरीद पर बिल लो’—अधिवक्ताओं ने दिया संदेश
मौके पर मौजूद कई अधिवक्ताओं ने लोगों को समझाया कि खरीद की रसीद लेने से न केवल उपभोक्ता सुरक्षा बढ़ती है, बल्कि टैक्स चोरी पर भी रोक लगती है।
उचित व्यापार व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक कदम है।
अध्यक्ष मनोज मील ने बताए उपभोक्ता अधिकारों के मूल सिद्धांत
मील ने कहा कि उपभोक्ता अधिकार केवल कानूनी शब्द नहीं, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा से जुड़े हैं।
उन्होंने लोगों को सलाह दीः
- हर खरीद पर बिल जरूर लें
- ISI, AG-MARK जैसे मानक चिह्नों की जांच करें
- गलत सेवा या उत्पाद मिलने पर आयोग में शिकायत करें
आयोग का उद्देश्य उपभोक्ता और सेवा प्रदाता के बीच पारदर्शिता और विश्वास स्थापित करना है।
30 दिनों तक होंगे विशेष आयोजन
न्यायोत्सव के दौरान जिलेभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें—
- रंगोली प्रतियोगिता
- सेमिनार और संगोष्ठी
- जागरूकता रैली
- सांस्कृतिक कार्यक्रम
- स्कूल और कॉलेजों में व्याख्यान
- डिजिटल सुरक्षा सत्र
सोशल मीडिया के माध्यम से भी अभियान को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने की योजना है।