चिड़ावा, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) की जिला कमेटी बैठक किसान महासभा कार्यालय चिड़ावा में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने की।
नीति और संघर्ष पर फोकस
बैठक को केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड फूलचंद ढेवा ने संबोधित करते हुए कहा,
“मोदी सरकार की नीतियों ने गरीबों को और गरीब व पूंजीपतियों को और अमीर बना दिया है। पार्टी जनता की बुनियादी समस्याओं पर संघर्ष तेज करेगी।”
यह लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय:
- भाकपा माले का जिला सम्मेलन: 28 जुलाई को चिड़ावा में
- बुहाना-खेतड़ी एरिया सम्मेलन: 13 जुलाई को सिंघाना में
- चिड़ावा-झुंझुनूं एरिया सम्मेलन: 20 जुलाई को चिड़ावा में
किसान मुद्दों पर आंदोलन
बैठक में निर्णय लिया गया कि 20 जून को पार्टी अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला कलेक्ट्रेट धरने में भाग लेगी। प्रमुख मांगें:
- नकली बीज व डीएपी घोटाले में दोषियों को जेल भेजना
- मंदिर माफी जमीनों पर कब्जाधारी किसानों को खातेदारी अधिकार
- 2022-23 की रबी फसलों के नुकसान का मुआवजा
- झुंझुनूं में यमुना नहर का पानी शीघ्र लाने की माँग
- कृषि बिजली कटौती की निंदा
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रस्ताव
पार्टी ने गाजा में फिलिस्तीनियों के जनसंहार और ईरान पर हमले की कड़ी निंदा की।
“यह इजरायल की विस्तारवादी नीति है, जो विश्व युद्ध की ओर धकेल रही है,” प्रस्ताव में कहा गया।
भारत सरकार के “ढुलमुल रवैए” पर भी नाराजगी जताई गई।
वक्ताओं में शामिल रहे
कामरेड रामचंद्र कुलहरि, ओमप्रकाश झारोड़ा, इंद्राज सिंह चारावास, रसीद अहमद कुरैशी, रत्तीराम राव, मनफूल सिंह, प्रेम सिंह नेहरा, हरी सिंह वेदी, राम सिंह बराला और वीरभान सिंह ने विचार रखे।