झुंझुनूं, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने राज्य सरकार के 11 अगस्त को झुंझुनूं में आयोजित होने वाले फसल बीमा क्लेम वितरण समारोह को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने इसे “किसानों के वाजिब हक पर एहसान जताने का नाटक” बताते हुए कहा कि इससे पहले वर्ष 2022-23 में हुई फसल क्षति का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
2022-23 में ओलावृष्टि से हुई थी भारी फसल बर्बादी
कुलहरि ने बताया कि शीत लहर और ओलावृष्टि के कारण 2022-23 की खरीफ फसलें बर्बाद हो गई थीं।
राजस्व गिरदावरी रिपोर्ट और कृषि विभाग के सर्वे में भी फसल नुकसान की पुष्टि हुई थी, लेकिन आज तक आधे से भी कम किसानों को मुआवजा मिल पाया है।
“जिला प्रशासन ने सिर्फ आश्वासन दिया, लेकिन मुआवजा जारी नहीं किया।” – रामचंद्र कुलहरि
बीमा क्लेम से पहले मुआवजा देना जरूरी
11 अगस्त को केंद्रीय कृषि मंत्री व मुख्यमंत्री के झुंझुनूं दौरे में बीमा क्लेम वितरण से पहले वंचित किसानों को मुआवजा जारी करने की मांग की गई है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक सभी प्रभावित किसानों को 2022-23 की फसल क्षति का पूरा मुआवजा नहीं दिया जाता, तब तक फसल बीमा क्लेम वितरण सिर्फ दिखावा ही होगा।