सूरजगढ़ पुलिस ने पकड़ा 6.39 करोड़ की साइबर ठगी का आरोपी
झुंझुनूं, सूरजगढ़ पुलिस ने एक बड़ी साइबर ठगी का खुलासा करते हुए 6.39 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ संगठित अपराध की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
58 शिकायतों से जुड़े हैं आरोपी के खाते
पुलिस के अनुसार, अमित सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह, निवासी भावठड़ी, थाना सूरजगढ़ के पंजाब नेशनल बैंक, पिलोद शाखा में मौजूद खाते से जुड़े 58 साइबर धोखाधड़ी के मामले नेशनल साइबर पोर्टल पर दर्ज थे।
आरोपी ने कमीशन के लालच में दिया खाता
पूछताछ में अमित ने बताया कि हेमंत नामक व्यक्ति ने उसे हर महीने पैसे देने के बदले खाता, एटीएम, चेकबुक मांगे। अमित ने कमीशन के लालच में ये दस्तावेज हेमंत को सौंप दिए।
“हेमंत मुझे खर्च के लिए पैसे देता रहा। मुझे नहीं पता कि खाते में पैसे कैसे आते थे और किसे ट्रांसफर किए जाते थे।” – आरोपी अमित सिंह
शिकायतकर्ता के SBI खाते से उड़ाए 44 लाख
बिहार के जमालपुर निवासी हर्षवर्धन कुमार ने 9 जुलाई 2024 को शिकायत की थी कि उनके SBI अकाउंट से 44,05,552 रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई। जांच में पाया गया कि इनमें से 3.7 लाख रुपये अमित के खाते में ट्रांसफर हुए।
खाता में हुआ ₹6.39 करोड़ का ट्रांजैक्शन
जांच में सामने आया कि 26 मार्च 2024 से 13 नवम्बर 2024 तक अमित सिंह के खाते में कुल ₹6,39,05,231 का ट्रांजैक्शन हुआ है।
पुलिस के अनुसार, यह स्पष्ट है कि अमित ने जानबूझकर अपना खाता साइबर गिरोह को कमीशन पर उपलब्ध करवाया, जिससे नेट बैंकिंग और UPI के जरिए देशभर में ठगी की गई।
दूसरे आरोपी की तलाश जारी
अमित के साथी हेमंत निवासी मोरवा को मामले में नामजद किया गया है। फिलहाल वह फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में कार्रवाई
यह पूरी कार्रवाई एसपी ब्रजेश ज्योति उपाध्याय (IPS) के निर्देशन में हुई। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजावत (RPS), वृत्ताधिकारी विकास धींधवाल (RPS) और थानाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम ने काम किया।
क्या बोले एसपी?
एसपी उपाध्याय ने कहा:
“झुंझुनूं जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चल रहा है। ऐसे मामलों में लिप्त लोगों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाएगा।”
साइबर ठगों से रहें सतर्क
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने बैंक खातों, एटीएम और पासबुक की जानकारी किसी के साथ साझा न करें। किसी भी साइबर धोखाधड़ी की सूचना तुरंत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल या स्थानीय पुलिस थाने में दें।