Posted inJhunjhunu News (झुंझुनू समाचार)

झुंझुनूं के डॉक्टर वर्मा के मित्र ने किया 1 करोड़ का दान

Doctor Narendra Hadpawat donates 1 crore for science block building

करोड़पति फकीर की तरह उनके मित्र भी निकले दानवीर

प्रतापगढ़/झुंझुनूं,“करोड़पति फकीर” के नाम से पहचाने जाने वाले झुंझुनूं निवासी डॉ. घासीराम वर्मा की सादगी और शिक्षा के प्रति समर्पण की कहानियां पूरे प्रवासी राजस्थान समाज में प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।

अब उनके ही एक मित्र और पूर्व विद्यार्थी डॉ. नरेंद्र कुमार हड़पावत ने भी शिक्षा क्षेत्र में ऐसी ही दरियादिली दिखाई है।


अमेरिका में मिले थे दोनों दानवीर

डॉ. हड़पावत को प्रतापगढ़ जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय विज्ञान मेले में आमंत्रित किया गया था। मंच पर जिला शिक्षा अधिकारी कमलेश तेतरवाल से बातचीत के दौरान जब उन्हें पता चला कि वे डॉ. घासीराम वर्मा के पोते हैं, तो उन्होंने तुरंत कहा:

अरे वही फकीर डॉक्टर वर्मा, जिनका कोई वाहन भी नहीं था और हम उन्हें न्यूयॉर्क के सम्मेलन में कार भेजकर सम्मानित करने लाए थे!


पुरानी यादों के साथ आया बड़ा फैसला

इस भावुक चर्चा के दौरान जब सीडीईओ तेतरवाल ने स्कूल में विकास की जरूरतें साझा कीं, तो डॉ. हड़पावत ने पूछा:

क्या सबसे ज़्यादा जरूरी है?

इस पर बताया गया कि स्कूल की एक जर्जर विंग को हटाकर नया साइंस ब्लॉक बनाया जाए जिसकी लागत लगभग 1 करोड़ रुपये होगी।


तत्काल किया 1 करोड़ का ऐलान

डॉ. नरेंद्र हड़पावत ने मंच पर ही 1 करोड़ रुपये की घोषणा करते हुए कहा:

यह साइंस ब्लॉक मैं जल्द बनवाकर विद्यालय को सौंप दूंगा। यह मेरे लिए गर्व की बात होगी।


सादगी से भरे लोग, शिक्षा के लिए समर्पित

डॉ. वर्मा और डॉ. हड़पावत जैसे प्रवासी राजस्थानी समाज के ये दो चेहरे यह प्रमाणित करते हैं कि समृद्धि केवल भौतिक नहीं, विचारों से होती है।


अधिकारी बोले: प्रेरणा हैं ऐसे भामाशाह

घोषणा के बाद शिक्षा अधिकारियों ने पगड़ी और शॉल ओढ़ाकर डॉ. हड़पावत का सम्मान किया। सीडीईओ तेतरवाल ने कहा:

इन जैसे भामाशाहों की वजह से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प संभव है। यह दान नहीं, समाज के प्रति कर्तव्य की भावना है।


निष्कर्ष

झुंझुनूं के डॉक्टर वर्मा और प्रतापगढ़ के डॉक्टर हड़पावत – दोनों ने यह दिखा दिया कि प्रवासी भारतीय चाहे दुनिया में कहीं भी हों, अपने गांव, अपनी मिट्टी और अपनी शिक्षा व्यवस्था से जुड़े रहते हैं।