स्वामी विवेकानंद के विचारों के प्रसार में डॉ. जुल्फिकार के प्रयासों को वैश्विक मान्यता
झुंझुनूं। जिले के निकटवर्ती भीमसर गांव के युवा लेखक एवं शोधकर्ता डॉ. जुल्फिकार ने एक बार फिर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। स्वामी विवेकानंद पर लंबे समय से शोध कर रहे डॉ. जुल्फिकार का नाम अब प्रतिष्ठित ‘USA Book of World Record’ में दर्ज हो गया है।
संस्था द्वारा औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें यह विश्व रिकॉर्ड प्रदान किया गया है।
कैसे मिला रिकॉर्ड?
डॉ. जुल्फिकार को यह सम्मान उनके उल्लेखनीय सामाजिक-शैक्षिक योगदान के लिए मिला है, जिसमें—
- 60,000 स्वामी विवेकानंद कैलेंडर का नि:शुल्क वितरण
- 10,000 विद्यार्थियों में विवेकानंद प्रतियोगिता का आयोजन
यह व्यापक अभियान प्रदेशभर में चलाया गया, जिससे लाखों युवाओं तक स्वामी विवेकानंद के विचार पहुंचे।
विवेकानंद पर अनवरत शोध कार्य
डॉ. जुल्फिकार कई वर्षों से स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण मिशन पर शोध कर रहे हैं।
उनके शोध कार्य —
- भारत और विदेशों में प्रकाशित,
- अनेक शोध पत्रिकाओं में प्रशंसित,
- और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत माने जाते हैं।
उनकी पुस्तकों और शोध आलेखों ने विवेकानंद के जीवन दर्शन को नई दृष्टि से प्रस्तुत किया है।
पहले भी मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान
यह पहला अवसर नहीं है जब उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली हो।
इससे पूर्व भी उनका नाम प्रतिष्ठित ‘London Book of World Record’ में दर्ज हो चुका है।
ग्रामीण क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण
भीमसर गांव सहित पूरे झुंझुनूं जिले में इस उपलब्धि को लेकर खुशी का माहौल है।
लोगों का कहना है कि डॉ. जुल्फिकार की यह उपलब्धि युवाओं को प्रेरित करेगी और क्षेत्र की बौद्धिक छवि को नई पहचान देगी।