भीमसर के युवा लेखक और शोधकर्ता को मिला राष्ट्रीय गौरव
झुंझुनूं। जिले के भीमसर गांव के डॉ. जुल्फिकार को राष्ट्रीय शिक्षक गौरव सम्मान – 2025 से जयपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया।
यह सम्मान उन्हें स्वामी विवेकानंद पर देश-विदेश में किए गए शोध कार्य और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया।
जयपुर में हुआ सम्मान समारोह
यह कार्यक्रम इंटरनेशनल मेन पॉवर सोशलिटी फाउंडेशन इंडिया की ओर से आयोजित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि टीकम चन्द बोहरा (IAS), राजफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर थे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री राजकन्या, डॉ. दौलत राम माल्या, राजीव मित्तल (पूर्व IAS) और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही।
डॉ. जुल्फिकार को सम्मान पत्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
शिक्षा और शोध में निरंतर योगदान
डॉ. जुल्फिकार लंबे समय से स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण मिशन पर शोध कर रहे हैं।
उनकी रचनाएं युवाओं को सकारात्मक सोच, राष्ट्र निर्माण और आध्यात्मिक जागरूकता के लिए प्रेरित करती हैं।
“डॉ. जुल्फिकार का कार्य न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी सराहा गया है।” — आयोजक मंडल
उनकी प्रकाशित पुस्तकों और शोध पत्रिकाओं में विवेकानंद के जीवन दर्शन को नई दृष्टि से प्रस्तुत किया गया है।
पहले भी मिल चुके हैं कई सम्मान
यह डॉ. जुल्फिकार का पहला राष्ट्रीय पुरस्कार नहीं है।
इससे पहले भी उन्हें शिक्षा, समाज सेवा और पुस्तक लेखन के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
42 प्रतिभाओं को किया गया सम्मानित
इस समारोह में देशभर से चुनी गई 42 प्रतिभाओं को उनके विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इसमें शिक्षा, समाज सेवा, नवाचार, चिकित्सा सहित कई क्षेत्रों के लोग शामिल रहे।