शिक्षकों को दी गई नवाचार आधारित ट्रेनिंग
झुंझुनूं, जिला मुख्यालय स्थित प्रिंस इंटरनेशनल स्कूल में “अनुभव आधारित शिक्षण” (Experiential Learning) पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को पारंपरिक पद्धतियों से हटकर छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और जीवन-कौशल आधारित शिक्षण विधियों से जोड़ना था।
कार्यशाला का संचालन इंदौर की शिक्षाविद् विनीता घाडके द्वारा किया गया। उन्होंने अनुभव आधारित शिक्षण के तहत निम्नलिखित बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की:
- समूह गतिविधियाँ (Group Activities)
- परियोजना आधारित शिक्षण (Project-Based Learning)
- भूमिकानिर्वाह (Role Play)
- शैक्षणिक यात्राएं (Educational Tours)
- केस स्टडी (Real-Life Case Studies)
विनीता घाडके ने कहा, “आज की शिक्षा का मकसद केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं रह गया है। हमें विद्यार्थियों को आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और जीवन कौशल से लैस करना है।”
प्रबंधन व वक्ताओं की राय
संस्थान निदेशक निर्मल कालेर ने बताया कि कार्यशाला का आयोजन शिक्षकों को रचनात्मक और प्रासंगिक शिक्षण के प्रति प्रेरित करने के लिए किया गया है।
प्रिंस ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन डॉ. जी. एल. कालेर ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएँ शिक्षकों की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इससे बच्चों की छुपी प्रतिभा को सामने लाने में मदद मिलती है।
शिक्षकों की सहभागिता और समापन
- सभी शिक्षकों ने सक्रिय रूप से कार्यशाला में भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए।
- अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।
- कार्यक्रम में संस्थान के अकादमिक डायरेक्टर समीर शर्मा, प्रिंसिपल डॉ. अनिता पंत शर्मा, महेन्द्र सैनी सहित सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।