चिड़ावा, चिड़ावा -सिंघाना सड़क मार्ग बस स्टैंड लालचौक पर नहर की मांग किसानों का धरना आमजनता द्वारा संचालित अध्यक्ष राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आज 330 वें दिन भी जारी रहा। किसी आम आदमी को आज के समय में ठाले बैठे रहने की फूर्सत कहां लेकिन काम की मारामारी, पानी की महादशा, सूर्यदेव की तपती धूप, सर्दी की ठिठुरन, बरसात का भीगना सभी सहन करते हुए भी किसानों ने नहर लाने की आवाज बुलंद कर गुहार लगा रहे हैं कि हमारा हक शेखावाटी में नहर लाकर लुटता जीवनदान देना चाहिए । हजारों, लाखों हैक्टेयर भूमि जो बिना पानी, बिना, सिंचाई के कैसे हो बचाव, कैसे जीवन चले यहां रहना नकि दुर्लभ ही है बल्कि नामुमकिन हुआ है बस एक दो साल बाकी हैं फिर तो सून सान होगा।चम्बल के जैसा वातावरण,बद्हालात, डकैतियां होंगी। जीवन यापन करना बहुत मुश्किल होगा।यह सोचकर कई-बार बहुत ही मन खराब हो जाता है कि यह जगह मातृभूमि हमें पानी की वजह से छोड़नी होगी। धरने को संबोधित करते हुए आज अध्ययनरत छात्रा सिद्धी शर्मा ने बताया कि हम किसानों की आनेवाली सभी परेशानियों से वाकिफ हैं कि हमे पानी देना चाहिए नहर के लिए सरकार से हमारी महत्वपूर्ण आवश्यकता पर गुहार करती हूं कृपया हमें नहर दे तो हम जीऐं वरना दूर्लभ ही रहेगा। सरकार को चेतावनी है हमें बचाओ वरना कुछ दिनों में हम सड़कों पर होंगे यातो आंदोलन के रास्ते या प्यास के वास्ते।धरने पर आज नहर आंदोलन प्रवक्ता विजेन्द्र शास्त्री, उपसचिव ताराचंद तानाण, यात्रा संयोजक रणधीर ओला, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्षा सुनिता साईं पंवार, सतपाल चाहर, मनोहर लाल सैनी,प्रभुराम सैनी, धर्मपाल, राजेश कुमार, नौजवान सभा के सौरभ सैनी, करण कटारिया, योगेश यादव, संजय, इंद्राज सिंह, आदित्य,अजय शर्मा, सोमवीर, सुरेन्द्र, जितेन्द्र सिंह, कार्तिक, गणेश, अशोक हलवाई,नन्दनी शर्मा,निशान्त, हार्दिक, तनुजा, महेंद्र चाहर, सुरेश कुमार, सुरेश वर्मा, हजारीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।
दिक्कत में किसान, बिगड़ी आर्थिक स्थिति,कठिनाइयां बिखरी पड़ी किसानों के सामने
