झुंझुनूं, अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से शुक्रवार को झुंझुनूं जिला कलेक्ट्रेट पर किसानों ने कामरेड सुरेन्द्र सिंह पीपली की अध्यक्षता में धरना दिया। किसानों ने अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रमुख मांगें रहीं ये:
- मंदिर माफी की जमीन पर पीढ़ियों से काबिज किसानों को खातेदारी अधिकार दिया जाए।
- 2022-23 की रबी फसल में ओलावृष्टि और शीतलहर से नष्ट फसलों का बकाया मुआवजा जल्द दिया जाए।
- झुंझुनूं जिले में यमुना नहर का पानी शीघ्र लाया जाए।
- बुहाना में केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखा खोली जाए।
- झुंझुनूं के खेतड़ी तहसील के जसरापुर में कृषि उपज मंडी खोली जाए।
- स्मार्ट मीटर उपभोक्ता की सहमति से ही लगाए जाएं।
किठाना गांव का उदाहरण बना प्रतीक
धरने में कामरेड फूलचंद ढेवा ने कहा कि महामहीम उपराष्ट्रपति के गांव किठाना की एक-तिहाई कृषि भूमि मंदिर माफी के नाम पर है, जिससे वहां के किसान सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।
मुआवजे में देरी से किसानों में नाराजगी
कामरेड रामचंद्र कुलहरि ने कहा कि नीमकाथाना जिले में फेरबदल के चलते खेतड़ी व उदयपुरवाटी के हजारों किसानों को मुआवजा आज तक नहीं मिला, जबकि दो साल बीत चुके हैं।
किसान नेताओं ने दी चेतावनी
धरने को कामरेड इंद्राज सिंह चारावास, अमर सिंह चाहर, हरी सिंह वेदी, और सुबेदार बजरंगलाल सहित कई किसान नेताओं ने संबोधित किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं तो वृहद आंदोलन होगा।