श्रम कानूनों की वापसी, एमएसपी गारंटी और स्मार्ट मीटर विरोध में एकजुटता
संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन
17 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
झुंझुनूं | झुंझुनूं में संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियनों की संघर्ष समिति के आह्वान पर जिला कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। मजदूर-विरोधी चार श्रम संहिताओं के विरोध में निकाली गई रैली शहीद स्मारक से कलेक्ट्रेट तक पहुंची, जहां राष्ट्रपति के नाम 17 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया।
मुख्य मांगें:
प्रदर्शन में जिन महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया, वे इस प्रकार हैं:
- चार श्रम संहिताएं रद्द की जाएं
- पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू हो
- न्यूनतम वेतन ₹26,000 प्रतिमाह तय किया जाए
- मनरेगा में 200 दिन काम, ₹600 प्रतिदिन मजदूरी
- MSP को कानूनी गारंटी, लागत का 1.5 गुना
- स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक, जनविरोधी बताया
- खातेदारी अधिकार, मंदिर माफी भूमि के काबिज किसानों को
- कटली नदी पुनर्जीवन, यमुना नहर शीघ्र लाने की मांग
- ओलावृष्टि व शीतलहर से नष्ट फसलों का मुआवजा
नेताओं ने दिए आक्रोशित बयान
सभा को कामरेड फूलचंद ढेवा, रामचंद्र कुलहरि, कैलाश यादव, पोकर सिंह झाझड़िया, रमेश चौधरी सहित कई किसान-मजदूर नेताओं ने संबोधित किया।
नेताओं ने सरकार पर निजीकरण, ठेकेदारी और सामाजिक सुरक्षा की उपेक्षा का आरोप लगाया।
14 जुलाई को होगा अगला चरण
प्रदर्शन के दौरान घोषणा की गई कि 14 जुलाई को झुंझुनूं जिले के सभी सहायक अभियंता कार्यालयों पर धरना दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर स्मार्ट मीटर के विरोध को और तेज किया जाएगा।
स्थानीय आवाजें भी हुईं शामिल
सैकड़ों की संख्या में किसानों और मजदूरों ने प्रदर्शन में भाग लिया। “समान काम का समान वेतन दो”, “स्मार्ट मीटर नहीं चाहिए”, “पुरानी पेंशन बहाल करो” जैसे नारे गूंजते रहे।