सूरजगढ़, आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष, साहित्यकार एवं गांधीवादी विचारक धर्मपाल गांधी ने अजमेर जिले के हटूण्डी गांव में स्थित गाँधी आश्रम का अवलोकन किया।
धर्मपाल गांधी ने बताया कि यह स्थल राजस्थान में महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित क्रांति का प्रमुख केंद्र रहा है। आज़ादी से पहले यह आश्रम सामाजिक और राजनीतिक चेतना का स्रोत था, और अब यह महिला शिक्षा और प्रशिक्षण का आदर्श संस्थान बन चुका है।
हरिभाऊ उपाध्याय की प्रेरणा से हुई थी स्थापना
गाँधी आश्रम की स्थापना 1927 में पंडित हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा की गई थी, जो महात्मा गांधी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए थे।
वे बाद में राजस्थान के वित्त एवं शिक्षा मंत्री भी रहे।
धर्मपाल गांधी ने बताया कि आश्रम में अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं को शिक्षित करने के उद्देश्य से अनेक संस्थान संचालित हो रहे हैं, जैसे:
- महिला B.Ed कॉलेज
- कमला नेहरू बालिका विद्यालय
- BSTC कॉलेज
- आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केंद्र
- महिला छात्रावास
ऐतिहासिक स्थल व नामचीन आगंतुक
गाँधी आश्रम परिसर में कस्तूरबा गांधी, हरिभाऊ उपाध्याय और महात्मा गांधी की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
यहां पंडित नेहरू, महात्मा गांधी और जमनालाल बजाज भी आ चुके हैं।
गाँधी आश्रम में स्थित अहिंसा पंचायतन भवन का उद्घाटन 11 सितंबर 1972 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी द्वारा किया गया था।
पुस्तक भेंट और संवाद
इस अवसर पर धर्मपाल गांधी ने संस्था प्रधान डॉ. रविकांत यादव को अपनी दो पुस्तकें—‘क्रांति का आगाज़’ और ‘आज़ादी की राहों में’ भेंट की।
आश्रम भ्रमण में कैलाश चंद्र चौहान, कानाराम कांटीवाल और उपसरपंच राकेश कुमार भी मौजूद रहे।
धर्मपाल गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश चंद्र चौहान का आभार जताया, जिन्होंने इस ऐतिहासिक स्थल का गहन परिचय करवाया।