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अपात्र लाभार्थी 31 दिसंबर तक खाद्य सुरक्षा योजना से हटवा सकते हैं नाम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत GIVE UP अभियान की जानकारी | Give Up Campaign Food Security Jhunjhunu

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत संचालित GIVE UP अभियान के अंतर्गत झुंझुनूं जिले के अपात्र परिवारों को 31 दिसंबर तक स्वेच्छा से योजना से नाम हटवाने का अवसर दिया गया है। जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने अपात्र लाभार्थियों से इस अंतिम अवसर का लाभ उठाने की अपील की है।

डॉ. राठौड़ ने बताया कि खाद्य सुरक्षा से संबंधित अधिसूचना के अनुसार कई श्रेणियों के परिवार इस योजना के लिए अपात्र हैं, इसके बावजूद वे लाभ ले रहे हैं। ऐसे परिवारों को अब स्वयं आगे आकर योजना से नाम हटवाना होगा।

ये परिवार खाद्य सुरक्षा योजना के लिए अपात्र

जिला रसद अधिकारी ने बताया कि निम्न श्रेणियों में आने वाले परिवार योजना के पात्र नहीं हैं-

  • जिन परिवारों में कोई सदस्य आयकरदाता है
  • सरकारी, अर्द्ध-सरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं में कर्मचारी/अधिकारी
  • जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये से अधिक है
  • जिनके पास चार पहिया वाहन है
  • जिनके पास ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्गफीट या शहरी क्षेत्र में 1500 वर्गफीट से अधिक स्वयं का मकान है
  • जिनके पास लघु कृषक की निर्धारित सीमा से अधिक कृषि भूमि है

कैसे हटवाएं नाम

डॉ. राठौड़ ने बताया कि ऐसे अपात्र परिवार 31 दिसंबर से पहले ऑनलाइन आवेदन कर GIVE UP अभियान के तहत अपना नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटवा सकते हैं। इसके अलावा नजदीकी ई-मित्र केंद्र से भी इस प्रक्रिया में सहयोग लिया जा सकता है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कई लाभार्थी गेहूं लेना बंद कर देते हैं, लेकिन योजना से नाम नहीं कटवाते। ऐसे मामलों में यदि कोई लाभार्थी लगातार छह माह से अधिक अवधि तक गेहूं नहीं लेता, तो उसका नाम स्वतः ही खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिया जाएगा

झुंझुनूं जिले की स्थिति

जिला रसद अधिकारी के अनुसार, झुंझुनूं जिले में अब तक 18,103 राशन कार्ड और उनसे जुड़े लगभग 1,47,051 यूनिट को खाद्य सुरक्षा योजना से हटाया जा चुका है। अपात्र राशन कार्डों की सूची संबंधित उचित मूल्य दुकानदारों को भेज दी गई है और मैदानी स्तर पर सत्यापन की कार्रवाई जारी है।

डॉ. निकिता राठौड़ ने अपात्र लाभार्थियों से अपील की है कि वे 31 दिसंबर से पहले स्वेच्छा से योजना से नाम हटवा लें, अन्यथा नियमानुसार उनके विरुद्ध 30.57 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।