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Jhunjhunu News: झुंझुनूं का लाल हवलदार इकबाल खान शहीद, कल होगा अंतिम संस्कार

Havildar Iqbal Khan funeral in Jhunjhunu with tricolor journey

वीरों की धरती झुंझुनूं का एक और लाल शहीद

झुंझुनूं जिले की वीरभूमि ने एक और सपूत खो दिया। लालपुर गांव निवासी हवलदार इकबाल खान (21 ग्रेनेडियर) 26 अगस्त 2025 को श्रीनगर के कुपवाड़ा सेक्टर में देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए।

सुबह वे तिरंगे में लिपटे अपने पैतृक गांव पहुंचेंगे, जहां हजारों लोग गम और गर्व के साथ अंतिम यात्रा में शामिल होंगे।


सेना से जुड़ी रही पारिवारिक परंपरा

शहीद इकबाल खान 15 जनवरी 2003 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता यासीन खान हवलदार पद से सेवानिवृत्त हैं, जबकि दादा अफजल खान भी सेना में रह चुके हैं। परिवार के कई अन्य सदस्य आज भी सुरक्षा बलों और पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं।


पीछे छोड़ गए पत्नी और नन्हीं बेटी

इकबाल खान का विवाह नसीम बानो से हुआ था। उनके परिवार में एक नन्हीं बेटी है। शहादत की खबर से गांव और परिवार पर दुख का पहाड़ टूटा, लेकिन सभी को गर्व है कि उनका बेटा मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुआ।


गांव में शोक और गर्व का माहौल

लालपुर और आसपास के गांवों में शोक की लहर है। लोग परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं। शहीद के पैतृक घर पर गम और गर्व का मिश्रित माहौल देखने को मिल रहा है।


तिरंगा यात्रा और सैनिक सम्मान से अंतिम संस्कार

शहीद का पार्थिव शरीर 28 अगस्त सुबह झुंझुनूं पहुंचेगा

  • सुबह 8:30 बजे अग्रसेन सर्किल से लालपुर गांव तक तिरंगा यात्रा निकलेगी।
  • सुबह 10 बजे गार्ड ऑफ ऑनर और सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।

जिले का गौरव, देश की शान

झुंझुनूं हमेशा से वीरों की धरती रहा है। यहां के अनेक सपूत मातृभूमि के लिए बलिदान दे चुके हैं। हवलदार इकबाल खान की शहादत ने फिर साबित किया कि यह मिट्टी हमेशा देश की रक्षा के लिए तैयार है।