फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और आईटीबीपी भर्ती का झांसा देकर लाखों की ठगी
झुंझुनू, पुलिस थाना पचेरी कलां क्षेत्र में आईटीबीपी में भर्ती का झांसा देकर फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया था। परिवादी राजेश कुमार पुत्र रमेश कुमार, निवासी पचेरी कलां की ओर से न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट खेतड़ी में इस्तगासा दिया गया, जिसके आधार पर यह प्रकरण दर्ज हुआ।
परिवादी के अनुसार, अभियुक्तगण ने आईटीबीपी में नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाकर राजेश कुमार, मनीष कुमार और विकास कुमार से कुल 15 लाख 70 हजार रुपये ले लिए और बाद में फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भेजकर उन्हें धोखा दिया।
नेतृत्व और पर्यवेक्षण में हुई पुलिस कार्रवाई
इस प्रकरण में कार्रवाई पुलिस अधीक्षक झुंझुनू बृजेश ज्योति उपाध्याय (IPS) के निर्देश पर की गई। उनके निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र सिंह राजावत (RPS) और वृताधिकारी बुहाना नोपाराम भाकर (RPS) के सुपरविजन में टीम गठित की गई।
मामले की जांच की जिम्मेदारी थाना पचेरी कलां के पुलिस निरीक्षक बनवारीलाल को सौंपी गई, जिन्होंने ठगी के पूरे नेटवर्क को खंगालते हुए दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र किए और आरोपियों तक पहुंच बनाई।
घटना का विवरण और ठगी का तरीका
6 अक्टूबर 2025 को न्यायालय से प्राप्त इस्तगासा में बताया गया कि अभियुक्तगण ने आईटीबीपी भर्ती में चयन कराने का लालच देकर पीड़ितों से भारी रकम वसूली। आरोप है कि इनके मन में शुरू से ही बेईमानी की नीयत थी और उन्होंने भर्ती के नाम पर प्राप्त रकम हड़पने की योजना बना रखी थी।
अभियुक्तगण ने फर्जी और कूट रचित ज्वाइनिंग लेटर तैयार किए और इन्हें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजकर इन्हें असली बताकर पीड़ितों को विश्वास में लिया। बाद में जब दस्तावेजों की जांच हुई तो वे फर्जी पाए गए और मामला ठगी व न्यास भंग के अपराध में बदल गया।
मुख्य मुल्जिम पहले, अब शेरसिंह भी गिरफ्तार
प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस ने सबसे पहले मुख्य मुल्जिम रूद्रनारायण को गिरफ्तार किया और उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। रूद्रनारायण से पूछताछ और बैंक रिकॉर्ड की पड़ताल के बाद अन्य आरोपी की भूमिका भी साफ हुई।
इसी कड़ी में शेष आरोपी के रूप में सामने आए शेरसिंह योगी उर्फ सुभाष पुत्र दाताराम योगी, उम्र 60 वर्ष, निवासी काकड़ा, थाना पचेरी कलां को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई और एरिया डोमिनेशन अभियान के दौरान उसे दस्तयाब किया गया। आरोपी से की गई पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकार किया, जिस पर उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।