जाट महासंघ ने प्रेस की गरिमा और सुविधाओं की रक्षा की मांग उठाई
झुंझुनूं, जिले में चल रहे सूचना केंद्र अधिग्रहण विवाद को लेकर अब राष्ट्रीय जाट महासंघ भी पत्रकारों के समर्थन में उतर आया है।
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र क्यामसरिया ने साफ तौर पर कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उसके अस्तित्व, गरिमा व सुविधाओं से छेड़छाड़ किसी भी रूप में स्वीकार नहीं की जा सकती।
पत्रकारों के संघर्ष को उचित बताया
डॉ. क्यामसरिया ने कहा—
“सूचना केंद्र को एसीबी कोर्ट को देने का प्रयास न केवल पत्रकारों की कार्यसुविधाओं पर चोट है, बल्कि वाचनालय और पुस्तकालय जैसी संस्थाओं को भी समाप्त कर देगा।“
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जाट महासंघ इस संघर्ष में पूरी मजबूती से पत्रकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
प्रेस की स्वतंत्रता के लिए समर्थन जरूरी
महासंघ ने प्रशासन को चेताया है कि प्रेस की आज़ादी और पत्रकारों की सुविधाओं से समझौता करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। यदि पत्रकारों की मांगों की अनदेखी हुई, तो महासंघ भी आंदोलन में भागीदारी करेगा।