Posted inJhunjhunu News (झुंझुनू समाचार)

Jhunjhunu News: चौधरी चरण सिंह की नीतियों को शिक्षा से जोड़ने की मांग

Jhunjhunu ADEO speaks at Delhi University international seminar

दिल्ली विश्वविद्यालय में ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार

झुंझुनूं, भारत रत्न हिन्दुस्तान और देश के पांचवें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के योगदान पर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रथम अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

झुंझुनूं का प्रतिनिधित्व, राष्ट्रीय मंच पर मजबूत पक्ष

इस सेमिनार में झुंझुनूं से एडीईओ उम्मेद सिंह महला ने भाग लेकर देश-विदेश से आए नीति निर्धारण कर्ताओं के समक्ष चौधरी चरण सिंह की नीतियों का तथ्यात्मक और सशक्त प्रस्तुतीकरण किया।

पाठ्यक्रम में शामिल हों चरण सिंह की नीतियां

उम्मेद सिंह महला ने जोर देकर कहा कि

“चौधरी चरण सिंह की कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायतीराज से जुड़ी नीतियों को यूजीसी एवं पूरे भारत के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।”

उन्होंने वर्तमान पीढ़ी में कृषि क्षेत्र के प्रति बढ़ती उदासीनता पर चिंता व्यक्त करते हुए इस विषय पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता बताई।

पंचायतीराज और ग्राम स्वराज पर विचार

एडीईओ महला ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और चौधरी चरण सिंह दोनों ने पंचायतीराज को ग्राम स्वराज की रीढ़ बताया था।
लेकिन आज की स्थिति में पंचायतीराज चुनावों के कारण गांव-देहात में परस्पर भाईचारे में कमी आई है।

उन्होंने सुझाव दिया कि

“पंचायतीराज के चुनाव दलीय प्रणाली के बिना होने चाहिए, ताकि गांवों में सामाजिक सौहार्द बना रहे।”

विषय: विकसित भारत की ओर

यह अंतरराष्ट्रीय सेमिनार “ग्रामीण समुदायों का सशक्तिकरण: कृषि राजनीति और चौधरी चरण सिंह की विरासत – विकसित भारत की ओर” विषय पर केंद्रित रहा।

नीति और शिक्षा के संगम पर जोर

सेमिनार में वक्ताओं ने चौधरी चरण सिंह की विचारधारा को आज के भारत के विकास मॉडल से जोड़ने और ग्रामीण भारत को केंद्र में रखकर नीतियां बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।